India News MP (इंडिया न्यूज), Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर में भीषण गर्मी ने लोगों को बेहाल करना शुरू कर दिया है। दोपहर में तेज गर्मी से हर कोई हलकान हो रहा है। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग कोल्ड ड्रिंक और अन्य फलों का सहारा ले रहे हैं। लोग दोपहर में घर से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं। जो लोग बाहर निकल रहे हैं वे चिलचिलाती धूप से बचने के लिए खुद को किसी कपड़े से ढक लें या छाते का सहारा लें।
स्कूली बच्चे भी गर्मी से परेशान हैं। इन दिनों इंदौर में सुबह 11 बजे के बाद तापमान तेजी से बढ़ता है। दोपहर 12 से 2 बजे के बीच पारा लगभग 38 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है। इसके बावजूद अब तक इंदौर में स्कूलों के समय में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस मामले में अब अभिभावकों ने जिला प्रशासन और सरकार से स्कूल का समय बदलने की अपील की है।
इंदौर में पिछले कुछ दिनों में तापमान तेजी से बढ़ा है। पिछले 7 दिनों पर नजर डालें तो तापमान बहुत तेजी से बढ़ा है, कल गुरुवार को इंदौर में 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। आज शुक्रवार को भी तापमान 39 डिग्री के आसपास बना हुआ है, इसलिए अभिभावकों ने कलेक्टर से स्कूलों में समय कम करने की अपील की है। अभिभावकों का कहना है कि सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।
दरअसल, छोटे बच्चों के स्कूल सुबह खुलते हैं और दोपहर की छुट्टी के बाद चिलचिलाती गर्मी में उन्हें स्कूल से घर आने में काफी दिक्कत होती है। कई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल से दोपहिया वाहन पर घर लाते हैं, जबकि कुछ अपने बच्चों को निजी वाहनों या अनुबंधित वाहनों से घर ले जाते हैं। इसके अलावा दोपहर में बच्चे स्कूल बसों से भी घर जाते हैं।
स्कूल से छुट्टी के बाद बच्चे जिन वाहनों से घर वापस जाते हैं, उनमें दोपहर के समय काफी गर्मी होती है। इस गर्मी में बच्चों के लिए घर पहुंचने के लिए बस से एक घंटे का सफर करना बहुत मुश्किल होता है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए स्कूली बच्चों के अभिभावकों ने सरकार से गुहार लगाई है। अभिभावकों ने सरकार से इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए स्कूल के समय में बदलाव की मांग की है, ताकि बच्चों को गर्मी से कुछ राहत मिल सके।
इस मामले को लेकर जब मीडिया में इंदौर कलेक्टर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल समय में बदलाव को लेकर सरकार की ओर से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है। इंदौर कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में स्कूल प्रबंधन और अभिभावक शिक्षक संघों से बात करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।
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