India News MP (इंडिया न्यूज), MP News: आधुनिक युग में सोशल साइट्स के जरिए पैसों की धोखाधड़ी के मामले तो सामने आते ही थे, अब लोगों के शरीर के अंग भी चोरी होने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की बरघाट तहसील के एक गांव में सामने आया है। यहां एक आदिवासी महिला को फेसबुक पर काम का लालच देकर कोलकाता ले जाया गया और उसकी किडनी निकाल ली गई।
महिला का आरोप है कि उसे और उसके पति को कोलकाता ले जाकर बंधक बना लिया गया और इस दौरान जालसाजों ने कानूनी प्रक्रिया भी पूरी की। बंधक से मुक्त होकर जब वह शिवनी लौटा तो वहां के एसपी से शिकायत की। शिकायत को करीब 2 माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच चल रही है।
सिवनी जिले के बरघाट ग्राम जावरकाठी निवासी आदिवासी महिला संध्या इनवाती अपने पति राजीव इनवाती के इलाज के लिए 2023 में अपने गांव से नागपुर पहुंची थीं। इस दौरान उसे पैसों की कमी होने लगी और वह वहां काम की तलाश में थी और इसी दौरान सोशल मीडिया फेसबुक पर किडनी निकालने का काम करने वाले जालसाज उसे काम का लालच देकर कोलकाता ले गए। और उससे कहा गया कि उसे गोल्ड कंपनी में नौकरी दी जाएगी जिसके बदले में उसे काफी पैसे मिलेंगे। वे लोभ के कारण वहां गये थे। कंपनी में शामिल होने के लिए उनका ब्लड टेस्ट कराया गया था।
इसके बाद अब्दुल कलाम नाम के एक शख्स ने उनसे कहा कि उनकी किडनी निकालकर उनकी बेटी को लगाई जाएगी। जब संध्या और उसके पति ने विरोध किया तो उन्होंने कहा कि जो पैसा उन्होंने लिया है, करीब 35-40 हजार रुपये तुरंत लौटा दो, नहीं तो तुम्हारा वीडियो बना लिया गया है। मेरे रिश्तेदार पुलिस में हैं, वे केस करके मुझे जेल में डाल देंगे। इसी डर से वह चुप रहा, इसी दौरान जालसाजों ने उसे कार में बंद कर शिवनी ले आये और तहसीलदार व थाने में कानूनी प्रक्रिया पूरी की और उसे फिर से कार में बंद कर कोलकाता के अपोलो अस्पताल ले गये। और किडनी ट्रांसप्लांट किया गया।
जालसाजों ने उसे एक महीने तक बंधक बनाकर रखा और मौका मिलते ही वह वहां से भागकर अपने गांव पहुंच गया। इसके बाद फरवरी माह में शिवनी एसपी से शिकायत करने पहुंची। पूरी कहानी बताने के बाद एसपी ने कहा, चिंता मत करो, हम कार्रवाई करेंगे। 2 माह से अधिक समय बीत गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिला की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है, उसका इलाज नागपुर में चल रहा है। जैसा कि पीड़िता के पति राजीव ने बताया।
मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व आईएएस सचिव डॉ. श्याम सिंह कुमरे भी पीड़िता के समर्थन में आगे आए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री समेत संवैधानिक संस्थाओं को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि सत्यापन से पहले तहसीलदार को स्वतंत्र रूप से परिवार से चर्चा करनी चाहिए थी, वीडियोग्राफी करनी चाहिए थी और बयान दर्ज करना चाहिए था। स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र एक निश्चित उद्देश्य के लिए दिया जाता है। किडनी दान के लिए संगठित गिरोह बनाकर ऐसे अपराध नहीं किये जा रहे हैं। इन सभी तथ्यों की जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए।
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