India News (इंडिया न्यूज़) MP: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का मन्ना है की आज कल की लड़कियां और युवा अपने अस्तित्वों से डगमगा रहे है, आज कल के बच्चे जहा देखो वह कैमरा, मोबाइल ले कर रील बनाने लगते है। यह हमारी संस्कृति को शोभा नहीं देता, लड़कियों को समझना होगा की उनका कर्म और धर्म इन चीज़ों से नहीं जुड़ा है। उन्हें सीखना होगा समझना होगा की उनका कर्त्तव्य क्या है। महंत ने आगे यह भी कहा की यह रील बनाना किसी मुजरे से कम नहीं है और हमारी बेटियों को ये समझना पड़ेगा की यह सब उनके भविषय के लिए बिलकुल ठीक नहीं है। यह युवा समाज अगर यूँ ही चलता रहा तो देश की संस्कृति संकट में पड़ सकती है और उसे बचाना मुश्किल हो जायेगा।
उन्होंने इस बात पर आगे और यह कहा की हमारे बेटियों को दृढ़ बनना होगा, रानी लक्ष्मी बाई के सिद्धांतों को समझ कर उसपर चलना सीखना होगा। अपने आदर्शों पर खरा उतरना होगा, तभी वो अपना आज और कल संवार पाएंगी। धीरेंद्र जी ने आगे और कहा की हमारा काम तो बस बच्चों को सही दिशा दिखाना है, आगे उन्हें इन सिखाई चीज़ों से प्रेरणा लेकर आगे स्वयं ही बढ़ना है। हम तो केवल साधु है, आगे खुद के हित के लिए कदम तो भारत के लोगो को स्वयं ही उठाना पड़ेगा।
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राजनीति पर धीरेंद्र जी के विचार
महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का ये मानना है की धर्म से राजनीति का चल पाना मुमकिन है, धर्म के बिना राजनीति का कोई भी अस्तित्व नहीं है, लोगो को ये समझना होगा की राजनीति से धर्म नहीं बल्कि धर्म से राजनीति चलाई जाती है।
इंदौर में महंत जी ने नाइट कल्चर पर भी विशेष विचारधारना जताई है, उनका मानना है की ये नाईट कल्चर निशाचरों के ज़िंदगी जीने का तरीका है, हमारे संस्कृति में ऐसी चीज़ों का कोई मोल नहीं है।इंदौर को हमारी माँ अहल्या की नगरी मानी जाती है, जो हमारे भोले नाथ की उपासक थी। महंत जी ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा की इन सब चीज़ों के कारन हमारी संस्कृति को काफी नुकसान हो रहा है और साथ ही साथ इसकी पवित्रता पर भी दाग लग रहा है। इन नाइट कल्चरों के तौर तरीके से जुर्म की संभावना भी बढ़ सकती है।
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