वैज्ञानिकों का मानना है कि बुरे सपने शरीर में जड़ जमा चुकी किसी बीमारी का संकेत हो सकते हैं।
इंग्लैंड में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में किए गए शोध के अनुसार, बुरे सपने ल्यूपस नामक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने ल्यूपस से पीड़ित 676 रोगियों का ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। उनमें से एक तिहाई ने बुरे सपने आने की बात कही।
रोगियों ने कहा कि बीमारी के अन्य लक्षण दिखने से करीब एक साल पहले उन्हें बुरे सपने आने लगे थे।
ल्यूपस या सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (एसएलई) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो जीवन भर रहती है।
ल्यूपस आमतौर पर 15 से 45 साल की उम्र के बीच होता है।
इसके कारण अक्सर जोड़ों में दर्द, बुखार, सीने में दर्द, थकान या बाल झड़ने की शिकायत होती है।
मस्तिष्क की ऑटोइम्यून बीमारियों से पीड़ित लोगों को अक्सर बेहद जीवंत सपने आते हैं।