India News MP (इंडिया न्यूज़), MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बालाघाट जिले के लांजी में साल 2004 में एसडीएम कार्यालय पर हमला करने के मामले में पूर्व विधायक किशोर समरिते को दी गई 5 साल की कठोर जेल की सजा को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की बेंच ने समरिते और अन्य आरोपियों को सरेंडर करने का भी निर्देश दिया है।
एसडीएम कार्यालय पर किया था हमला
अप्रैल 2004 में समरिते ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर लांजी में एसडीएम धनेश्वर साईं के कार्यालय पर हमला कर दिया था। लाठियों से लैस भीड़ ने कार्यालय परिसर में तोड़फोड़ की और सरकारी वाहनों में आग लगा दी थी। इस घटना में एसडीएम सहित कई लोग घायल हो गए थे।
दोषियों को सज़ा
जिला अदालत ने इस मामले में समरिते और उनके 6 साथियों को दोषी करार देते हुए उन्हें 5 साल की जेल और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। समरिते पर अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत भी 3 साल की सजा और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
कुछ आरोपों को हटाया (MP News)
हाल ही में, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करते हुए जिला अदालत के फैसले में से अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों को हटा दिया, लेकिन 5 साल की कैद की सजा को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की बेंच ने सभी आरोपियों को सरेंडर करने के आदेश भी दिए हैं।
इन धाराओं पर मामला दर्ज
इस घटना को लेकर समरिते और उनके समर्थकों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 427, 332, 353 और 436 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हाई कोर्ट के फैसले के बाद समरिते और अन्य आरोपियों को जेल जाना पड़ सकता है।
Also Read: