कलयुग में युद्ध लड़ेंगे ये महाभारत काल के 11 योद्धा

महाभारत में 11 पात्र ऐसे थे जिन्होंने कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध सीधे तौर पर नहीं लड़ा था। 

लेकिन कलयुग में ये 11 योद्धा चौथा धर्मयुद्ध लड़ेंगे जब कल्कि अवतार आएगा और कलयुग का अंत भी होगा। महाभारत में 45 लाख लोगों ने भाग लिया था। 

लेकिन कौरवों और पांडवों की तरफ से 11 योद्धा ऐसे भी थे जिन्होंने महाभारत का युद्ध नहीं लड़ा था। 

संत अच्युतानंद की किताब भविष्य मालिका के अनुसार ये 11 योद्धा कलयुग के अंत के लिए चौथा धर्मयुद्ध लड़ेंगे। 

ये कौन होंगे, जान लें कि महाभारत से पहले कृष्ण ने भीम के पोते बर्बरीक का सिर काट लिया था। क्योंकि कौरवों को हारता देख बर्बरीक उनकी तरफ से लड़ने लगेगा। 

युयुत्सु धृतराष्ट्र का नाजायज बेटा था और वो कौरवों के साथ नहीं बल्कि पांडवों के साथ था, लेकिन उसने युद्ध नहीं लड़ा।

बलराम ने दुर्योधन और भीम दोनों को गदा युद्ध की शिक्षा दी थी लेकिन कृष्ण पांडवों के साथ थे इसलिए उन्होंने कौरवों का साथ नहीं दिया और युद्ध से दूर रहे। 

महाभारत में कौरवों और पांडवों की भोजन व्यवस्था उडुपी राजा देखते थे, वे भी किसी भी पक्ष से युद्ध में शामिल नहीं थे, वे तटस्थ थे। 

संजय अपनी दिव्य दृष्टि से धृतराष्ट्र को महाभारत युद्ध का हाल बताते थे। उन्होंने भी युद्ध में भाग नहीं लिया। 

वेदव्यास ने नियोग विधि से कौरव वंश को संतान प्रदान की थी, केवल धृतराष्ट्र और पांडु ही नहीं बल्कि गांधारी की 100 संतानें भी सामान्य तरीके से पैदा नहीं हुई थीं।

विदुर कौरवों के मंत्री थे और वे भी युद्ध से दूर रहे। धृतराष्ट्र अंधे होने के कारण युद्ध में भाग नहीं लिया। 

शल्य भी महाभारत में कर्ण के सारथी थे लेकिन उन्होंने युद्ध नहीं लड़ा। कृष्ण के साले रुक्म को उसके घमंड के कारण पांडवों और कौरवों ने साथ नहीं लिया। 

श्री कृष्ण अर्जुन के सारथी भी थे और महाभारत युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे। इसके अलावा परशुराम ने भी युद्ध नहीं लड़ा था। 

ये सभी कलियुग में भगवान परशुराम की मदद करेंगे।