India News MP (इंडिया न्यूज़), CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को लोकतंत्र सेनानियों, जिन्हें आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मीसा बंदी कहा जाता है, का सम्मान किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उनके लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि आपातकाल के संघर्ष की गाथा को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि वर्तमान पीढ़ी उस दौर की कठिनाइयों को समझ सके।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “आपातकाल के संघर्ष की कहानी को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसमें लोकतंत्र सेनानियों की परिस्थितियों, उत्पीड़न और भावना को उजागर किया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने घोषणा की, “लोकतंत्र सेनानियों के लिए कई नई सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वे सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस में तीन दिन तक रह सकेंगे और उन्हें किराए में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। जिन लोगों को अभी तक ताम्र पत्र नहीं मिले हैं, उन्हें ताम्र पत्र दिए जाएंगे। इसके अलावा, लोकतंत्र सेनानियों को पास दिखाने पर टोल प्लाजा पर छूट मिलेगी। उनके आयुष्मान कार्ड के माध्यम से होने वाले चिकित्सा व्यय का भुगतान बिना देरी के किया जाएगा और कलेक्टर तीन महीने के भीतर भुगतान सुनिश्चित करेंगे।”
गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के लिए, उन्हें इलाज के लिए प्रमुख अस्पतालों या महानगरों में ले जाने के लिए एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य की एयर टैक्सी सुविधा किराए में 25 प्रतिशत की छूट देगी। सीएम यादव ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों का अंतिम संस्कार राष्ट्रीय सम्मान के साथ किया जाएगा और अंतिम संस्कार सहायता राशि 8,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये की जाएगी।
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र सेनानियों के परिवार के सदस्यों को उद्योग या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों की स्थापना के लिए प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने जिन उद्देश्यों के लिए संघर्ष किया था, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में पूरे होते दिख रहे हैं। अनुच्छेद 370 और तीन तलाक को हटाना, सुशासन आदि इसके उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश न केवल आंतरिक बल्कि बाहरी चुनौतियों का भी कुशलतापूर्वक सामना करने में सफल रहा है।
Also Read:
MP Triple Talaq: बीजेपी का समर्थन करने पर पति ने दिया ‘तीन तलाक’, मामला दर्ज