India News MP (इंडिया न्यूज़), Health Tips: पिछले कुछ महीनो में पूरे भारत में भीषण गर्मी का मौसम रहा, लेकिन अब गर्मी का मौसम खत्म हो चुका है और मानसून का सुहावना मौसम आ गया है। मानसून के आने की वजह से देश भर के कई इलाकों में खूब बारिश हो रही है, साथ ही तापमान में भी गिरावट देखने को मिली है। बारिश का यह मौसम अपने साथ कई सारी बीमारियां लेकर आता है।
मॉनसून सीजन में पानी की वजह से होने वाली बीमारियों में बढ़ोतरी होती है। डेंगू मलेरिया कॉलरा जैसी बीमारियों के केस इस सीजन में ज्यादा सामने आते हैं। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी बीमारियां है जिनसे मानसून के सीजन में आपको बच के रहना है?
बारिश का मौसम में घर के आसपास बारिश का पानी जमा हो जाता है। जिसमें डेंगू, मलेरिया की बीमारी पैदा करने वाले मच्छर जन्म लेते हैं। बारिश के पानी में लेडिस मच्छर पैदा होते हैं। इनके काटने से डेंगू जैसी गंभीर बीमारी होती है। समय पर इलाज न करने से डेंगू से मृत्यु भी हो सकती है। ज्यादा दिनों के लिए हाई फीवर, प्लेटलेट कम होना और शरीर में लाल दाने होना डेंगू के लक्षण माने जाते हैं।
पानी के जमाव से एक और गंभीर बीमारी जन्म लेती है जिसका नाम मलेरिया है। मलेरिया फीमेल एनोफिलीस मॉस्किटो के काटने से होता है। मलेरिया के लक्षणों में ज्यादा देर तक बुखार, ठंड लगना और कमजोरी शामिल है। यह लक्षण शरीर में देखते ही तुरंत सावधान हो जाएं और डॉक्टर से चेकअप करवाएं।
बारिश के मौसम में नल में आने वाला पानी भी कई बार दूषित होकर आता है। ऐसे में दूषित पानी पीने से कॉलरा जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। लो ब्लड प्रेशर, लूज मोशन और मांसपेशियों में दर्द होना के संकेत हो सकते हैं। कॉलरा से बचाव के लिए साफ पानी या पानी को उबालकर पीना चाहिए। साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से होने वाली टाइफाइड बीमारी भी बारिश के पानी से हो सकती है।
टाइफाइड बीमारी के संकेतों में गला खराब होना, सिर दर्द और कमजोरी शामिल है। इससे बचाव के लिए साफ पानी पिए और खाना खाने से पहले हाथ जरूर धोएं। मौसम के बदलने और बारिश के पानी में भीगने से 5 से 7 दिनों के लिए वायरल फीवर भी हो सकता है। बारिश के पानी में भीगने से खुद को बचाकर, इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
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