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साल 1999 में भारत ने पाकिस्तान को जो जख्म दिया वो कभी भी भर नहीं पाएगा।
दरअसल, 3 मई 1999 को जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में चोटियों पर रहने वाले स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना को घुसपैठियों की जानकारी दी थी।
उस दौरान भारतीय सेना के 5 जवान पेट्रोलिंग के लिए निकले लेकिन पाकिस्तानियों ने उनकी जान ले ली।
इस हादसे के बाद पाकिस्तानियों ने कई भारतीय चोटियों पर कब्जा किया फिर उनको छुड़ाने के लिए भारत ने ऑपरेशन विजय चलाया।
इस दौरान दोनों सेना आमने-सामने आ गई। पाकिस्तान ने जिन चोटियों पर कब्जा किया था वो 14 से 18 हजार फुट ऊंचाई पर थे।
उस समय भारतीय सेना की एक इकाई ही तैनात रहती थी और ठण्ड में वो भी वापस आ जाती थी।
उस समय पाकिस्तान 10 किलोमीटर अंदर तक आ गया और एक बंकर बना कर उसका नाम कैप्टन इफ्तेकार रख दिया।
भारत ने सभी पाकिस्तानियों को 26 जुलाई के दिन भगा कर युद्ध खत्म होने की घोषणा कर दी थी।
फिर भी पाकिस्तान ने युद्ध नहीं रोका और दो महीने में भारत के 527 जवानों ने बलि दे दी लेकिन पकिस्तान का कोई आकड़ा सामने नहीं आया।
फिर भी पाकिस्तान ने युद्ध नहीं रोका और दो महीने में भारत के 527 जवानों ने बलि दे दी लेकिन पकिस्तान का कोई आकड़ा सामने नहीं आया।