India News MP (इंडिया न्यूज़), Doctor’s Protest: भोपाल में डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोलकाता में 8 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के बीच भोपाल, इंदौर, और जबलपुर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। इस पर हाई कोर्ट ने सवाल किया कि स्पष्ट आदेश के बावजूद डॉक्टरों ने अदालत की अनुमति के बिना हड़ताल क्यों की?
शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन, और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, जीएमसी भोपाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि वाट्सएप और ईमेल के माध्यम से तत्काल नोटिस भेजा जाए। मामले की अगली सुनवाई शनिवार को होगी। याचिकाकर्ता नरसिंहपुर निवासी अंशुल तिवारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अग्रवाल और अभिषेक पांडे ने कोर्ट में पक्ष रखा।
कोलकाता की घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। भोपाल के एम्स और हमीदिया अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार रात से काम बंद कर दिया है, जबकि इंदौर में डॉक्टर सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं संभाल रहे हैं। हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। मरीजों को इलाज के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है, जबकि पैथोलॉजी टेस्ट भी नहीं हो पा रहे हैं।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल और प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। भोपाल और जबलपुर के अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं, जबकि निजी अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गई हैं।
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