होम / बुलडोजर मामा शिवराज अब बने खिलौने वाला मामा

बुलडोजर मामा शिवराज अब बने खिलौने वाला मामा

• LAST UPDATED : June 2, 2022

इंडिया न्यूज़, Madhya pradesh News:  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब ऐलान किया कि वे आंगनवाड़ी के गरीब कुपोषित बच्चों के लिए खिलौने मांगने हाथ ठेला लेकर निकलेंगे, तो कई लोगों ने इसका उपहास उड़ाया। विपक्ष ने इसे नाटक – नौटंकी करार दिया तो भाजपा के ही कई नेताओं को मुख्यमंत्री की यह पहल नहीं जंची। लेकिन अपने इस एक कदम से शिवराज ने वो रास्ता दिखा दिया, जो समाज को मासूम नौनिहालों की कदर करने की प्रेरणा देता है। “मामा की आंगनवाड़ी” मिशन के तहत शिवराज सिंह भोपाल में ठेला लेकर निकले तो 10 ट्रक खिलौने और उपहारों से भर गए, दान के चेक मिले से अलग। इंदौर की एक गली में उनका ठेला चला तो वहां भी ट्रकों में खिलौनों का अंबार लगने के साथ आठ करोड़ से ज्यादा सहयोग राशि जुट गई।

मध्यप्रदेश में पंद्रह साल से अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज की सक्रियता के साथ उनका मजबूत पक्ष सोशल इंजीनियरिंग है। वे बड़ी सहजता के साथ किसी मुद्दे पर जनभागीदारी का माहौल बना लेते हैं। अपनी इसी कलाकारी ( नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ शिवराज सिंह चौहान के ऐसे कदमों को कलाकारी कहते हैं) के दम पर शिवराज कभी बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के मामा बन जाते हैं। कभी वे अपराधियों और दंगाईयों के अवैध कब्जों पर जेसीबी चलवा कर बुलडोजर मामा का खिताब पाते हैं, तो अब खिलौने वाला मामा बनकर गरीब बच्चों के लिए खिलौने और संसाधन जुटा रहे हैं।

मामा की आंगनवाड़ी के लिए हाथ ठेला लेकर निकल रहे सीएम

bulldozer-uncle-shivraj-now-becomes-toy-uncle

शिवराज सिंह पिछले महीने 24 मई को भोपाल के अशोका गार्डन क्षेत्र में हाथ ठेला लेकर निकले तो लोगों ने सड़क पर स्टॉल लगा कर खिलौने और गिफ्ट आइटम का ढेर लगा दिया। महिलाओं और बच्चों ने ऊंची इमारतों से बाल्टी और टब लटका कर खिलौने भेंट किए। किसी ने आंगनवाड़ी के लिए एलईडी टीवी दिया तो किसी ने कोई और इक्विपमेंट। ठेला छोटा पड़ा को ट्रकों में सामान भरना पड़ा। इस अभियान पर बाल मजदूरी के खिलाफ काम करने वाले नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी से लेकर स्वामी अवधेशानंद गिरी तक ने शिवराज का हौसला बढ़ाया।

एडाप्ट एन आंगनवाड़ी में 50 आंगनवाड़ी गोद लेंगे अक्षय कुमार

फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने तो एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद के साथ 50 आंगनवाड़ी गोद लेने की घोषणा कर ‘एडाप्ट एन आंगनवाड़ी’ अभियान को गति दी। इसके बाद 31 मई को इंदौर के गौरव दिवस के मौके पर वहां भी मामा का हाथठेला चला और महज 800 मीटर की दूरी में ही 8.50 करोड़ रुपये के चेक के साथ 50 ट्रक सामान एकत्रित हो गया। इनमें टीवी, कूलर, पंखे और नए पुराने खिलौने थे। सारा सामान अब कलेक्टर के माध्यम से आंगनवाड़ियों को बांटा जाएगा। ऐसा नहीं है कि सिर्फ सीएम ही खिलौने जुटाने सड़क पर उतर रहे हैं। कई जिलों में मंत्री, नेताओं से लेकर कलेक्टर तक आंगनवाड़ी के लिए ठेला चला रहे हैं। बकौल शिवराज आंगनवाड़ी के लिए हाथ ठेला चलाना उनका एक मिशन है,

bulldozer-uncle-shivraj-now-becomes-toy-uncle

आंगनवाड़ी के लिए सिर्फ खिलौने ही समाज से नहीं लिए जा रहे हैं। किसानों से गेहूं और अन्य अनाज दान करने की अपील भी की जा रही है। मुख्यमंत्री बताते हैं कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र बुधनी के किसानों से आंगनवाड़ियों को थोड़ा गेहूं दान करने का आह्वान किया, तो किसानों ने साल भर की जरूरत से ज्यादा अनाज देकर ‘मामा की आंगनवाड़ियों’ के गोदाम भर दिए।

कैलाश सत्यार्थी भी हुए खिलौने वाले मामा के फैन

प्रदेश के भविष्य को कुपोषण से बचाने के साथ उनका मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर करने के तमाम सरकारी प्रयासों के साथ जनभागीदारी का शिवराज का यह प्रयास सफल होता दिख रहा है। समाज को समाज की बेहतरी के लिए बिना किसी दबाव के जोड़ने का पहला प्रयोग शिवराज ने कन्यादान योजना के तौर पर किया था। उनकी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में सरकारी खर्च पर शादी और निकाह कराने के कार्यक्रम में सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक मदद से कहीं ज्यादा रकम के उपहार समाज के लोग नव विवाहित दंपत्तियों को देते हैं। ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों और अल्प वर्षा की स्थिति से निजात पाने के लिए मुख्यमंत्री का वृक्षारोपण अभियान भी अब प्रदेश भर में मिशन मोड पर आ गया है।

शिवराज सिंह बीते करीब सवा साल से रोज एक पौधा रोपते हैं, साथ ही लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे और भी कई जनभागीदारी के काम मध्यप्रदेश में चल रहे हैं। शिवराज को मामा की आंगनवाड़ी पर भरोसा है कि इससे डेढ़ साल में कुपोषण का दंश खत्म हो जाएगा। उधर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ विधानसभा में पेश कुपोषण के आंकड़ों के आधार पर सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। कमलनाथ कहते हैं कि 17 साल में शिवराज सरकार मध्यप्रदेश का कुपोषण दूर नहीं कर पाई और और अब अगले डेढ़ साल में कुपोषण दूर करने का आश्वासन दे रही है। कमलनाथ ने सवाल किया कि आंगनवाड़ियों में सरकारी स्तर पर सुविधाएं बढ़ाने के बजाए हाथ ठेला लेकर निकल पड़ना क्या उचित है? इस मामले में सियासती आरोप-प्रत्यारोप अपनी जगह, अभी तो बच्चे भी खिलौने वाले मामा के अपनी गली में आने का इंतजार कर रहे हैं। जिससे वे अपने जैसे बच्चों के लिए मामा को खिलौने भेंट कर सकें।

ये भी पढ़े: नेहरू और जिन्ना द्वारा देश को दो भागों में बांटना बुद्धिमानी का काम था : सज्जन सिंह वर्मा

ये भी पढ़े: भोपाल में बढ़ा तापमान, पारा 43.1 डिग्री सेल्सियस

ये भी पढ़े: MP में पिछले 24 घंटों में आए कोरोना के 35 नये मामले

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox