इंडिया न्यूज़, Satna News : फूलन देवी के अपहरण के आरोपित डकैत को औरैया से पकड़ा गया है। वह 24 साल से फरार चल रहा था। उस पर 50 हजार का इनाम भी था। वह मध्य प्रदेश के सतना में एक साधु के रूप में रह रहे थे। डकैत साधु पर 1981 से फूलन देवी के अपहरण में शामिल होने का आरोप है। डकैत साधु बीमार है। इसलिए वह औरैया में अपने घर आया था। उनकी उम्र 69 साल है। किसी ने पुलिस को सूचना दी और वह पकड़ा गया।
छिड्डा सिंह लाला राम के गिरोह का मुख्य सदस्य था। वह लालाराम के लिए अपहरण उद्योग भी चलाता था। छिड्डा सिंह 24 साल बाद अपने गांव औरैया में लौटा था। दो दशक पहले जब चंबल में डकैतों का सफाया हुआ तो वह भी सतना पहुंचे। लेकिन जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें अपने घर की याद आई। छिद्दा सिंह अविवाहित है। लेकिन घर में और भी सदस्य हैं। छिड्डा सिंह अपने सहयोगी सन्यासी के साथ अपने गांव पहुंचा था। इस समय वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा है।
फिलहाल पुलिस को गांव से ही सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस दवारा छिड्डा सिंहको अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य ठीक होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। डकैत छिड्डा सिंह एमपी के सतना में साधु बृजमोहन दास महाराज के नाम से रह रहा था। वह भगवद आश्रम से जुड़े हुए हैं। उसने नए नाम और पते पर आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाया हुआ है घर पहुंचने पर छिड्डा सिंह ने अपने परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद वह अस्पताल पहुंचे।
छिद्दा सिंह 20 साल की उम्र में घर से भाग गया था। वह चंबल में लालाराम के गिरोह में शामिल हो गया था। धीरे-धीरे छिद्दा सिंह बदनाम हो गया। बाद में उन्होंने लालाराम के लिए चंबल में अपहरण उद्योग स्थापित किया। डकैत साधु पर उसके खिलाफ 24 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। लालाराम के साथ मिलकर उन्होंने 1980 में फूलन देवी का अपहरण कर लिया।
दो साल बाद 1984 में औरैया के अस्ता गांव में आग लगाकर 12 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। फूलन ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए 21 ठाकुरों की हत्या कर दी थी। इसे बेहमई घटना कहते हैं। इसका बदला लेने के लिए लालाराम ने अस्ता गांव में 12 मल्लाहों को मारकर गांव को जला दिया था।
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