इंडिया न्यूज़, Bhopal News : मध्य प्रदेश के दस से अधिक जिलों में अब तक मानसून में औसत से कम बारिश हुई है। जबकि कई अन्य जिलों में अत्यधिक बारिश के कारण बाढ़ आ गई है। कुल मिलाकर राज्य में वर्षा अधिशेष है। जो कि प्राप्त वास्तविक वर्षा और राज्य को अब तक प्राप्त होने वाली वर्षा के अंतर से है। राज्य में अब तक 495.6 मिमी बारिश हो चुकी है। जबकि जून से 27 जुलाई तक सामान्य बारिश 407 मिमी रही।
जिससे यह 22 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हुई। पिछले साल की तुलना में जुलाई की शुरुआत में राज्य में 35% बारिश सरप्लस थी।15 जुलाई तक सरप्लस घटकर 14% पर आ गया। कुल मिलाकर पिछले साल राज्य में मानसून सामान्य रहा। मौसम विभाग द्वारा बताया की, सामान्य फॉर्मूले के मुताबिक 20 फीसदी कम या ज्यादा बारिश को सामान्य माना जाता है।
लेकिन उन जगहों पर अंतर को भरने के लिए अच्छी वर्षा की आवश्यकता होती है जहां बारिश की कमी 20% से अधिक है। जुलाई और अगस्त ऐसे महीने हैं जब राज्य में अच्छी मात्रा में बारिश होती है। अधिकारियों ने कहा कि सितंबर में बारिश की गतिविधि तेजी से कम हो जाती है क्योंकि यह मानसून के लिए अंतिम महीना है। राज्य में कम से कम 10 जिले ऐसे हैं जहां बारिश की कमी 20 फीसदी से ज्यादा है।
इनमें डिंडोरी, कटनी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, अलीराजपुर, दतिया और झाबुआ शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि राज्य में मौजूदा संरचनाओं और व्यापक बारिश की उम्मीद से उन शहरों में अंतर को भरने की संभावना है जो अभी भी अपने वर्षा कोटा से कम हैं।
मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य के लिए 990 मिमी बारिश सामान्य मानी जाती है और 1090 मिमी बारिश को भोपाल के लिए वार्षिक सामान्य वर्षा माना जाता है। राज्य की राजधानी में अब तक 92 फीसदी बारिश सरप्लस बनी हुई है। भोपाल में 819.5 मिमी बारिश हुई। जो मौसमी कुल सामान्य वर्षा के करीब है।
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