देश में ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लड़कियां अपने घरों में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहीं है। सरकार द्वारा लगातार नये कानून लाए जा रहें है। लेकिन फिर भी मामला कम होता नजर नहीं आ रहा है।
आज एक बार फिर से मानवता शर्मसार हो गयी है। झाबुआ कोतवाली अंतर्गत आने वाले एक गांव में विवाह समारोह में 8 वर्षीय नाबालिग बालिका को बालिका के बुआ के लड़के ने ही हवस का शिकार बनाया है। अभी बालिका को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कोतवाली पुलिस ने मामला संज्ञान में आते ही आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
बता दें कि एक माह में कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत यह दूसरी घटना है। पिछले दिनों भी पिटोल के समीप एक गांव में एक बच्ची के साथ उसके मामा ने बलात्कार कर बच्ची की हत्या कर दी थी। ऐसी घटनाएं लगातार देखने को मिल रही है।
इस घटना के बाद ज़हन में यह सवाल लगातार उठ रहा है की क्या इन घटनाओं को रोकने के लिए जन जागरूकता की आवश्यकता है या फिर ऐसे नरपिशाचों को जल्द से जल्द सजा दिलवाकर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार कर ऐसी घटनाओं के बाद मिलने वाली सजा का खोफ बताकर घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है।
ऐसे मामलों को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में नही चलाया जाता औ कई बार तो थोड़े से लालच में बयान को बदल दिया जाता है, बलात्कारी तो कई बार अलग अलग हथकंडे अपना कर बच जाते है। मगर मरती है हमारी आत्माएं-हमारी चेतनाएं-हमारी न्यायिक व्यवस्थाएं।