गरीबों और बेरोजगारों के लिए आई मनरेगा योजना में घोटाला सामने आया है। रोजगार सहायक ने अपने पूरे परिवार को कागजी मजदूर बना डाला और काम दिखाकर धन हड़प लिया। इतना ही नहीं रोजगार सहायक ने अपनी पत्नी को भी इस कारनामे में शामिल किया। पत्नी के नाम से फर्जी वेंडर दुकान बनाकर पंचायत दर्पण से बिल लगाकर पैसे निकाला है, जबकि इसके पत्नी के नाम से कोई दुकान या फर्म नहीं है।
बता दें कि अमरपाटन अधिकारियों के संज्ञान में मामला होने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेड़ बंधान एवं प्रधानमंत्री आवास की मजदूरी का पैसा फर्जी तरीके से अपने परिजनों के खाते में निकाला गया है। इन सब कामों में सरपंच रोजगार सहायक के साथ पंचायत सचिव भी अहम किरदार में होता है। इसलिए इस फर्जीवाड़े में पंचायत सचिव भी संदिग्ध भूमिका नजर आ रही है।
ग्राम पंचायत के मजदूरों ने कलेक्ट्रेट जन सुनवाई में आवेदन देते हुए आवेदन में बताया कि हमारे ग्राम पंचायत का ग्राम रोजगार सहायक सुखधाम प्रसाद पटेल के द्वारा मेड बंधान एवं प्रधानमंत्री आवास की मजदूरी का पैसा फर्जी तरीके से अपने परिजनों जैसे चाचा-चाची, भाई, पत्नी और अन्य साथियों के जॉब कार्ड खातों में डाल कर निकाल लिया गया है। जो कि हितग्राही को आज तक तक पैसा नहीं मिला।