India News MP (इंडिया न्यूज़), Naga Panchami: हर साल सावन के महीने में मनाया जाने वाला नाग पंचमी का त्योहार इस बार 9 अगस्त को सिद्धि योग और रवि योग के महासंयोग में मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। लोग नाग देवता को दूध अर्पित करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप करते हैं।
इस साल नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 5:47 बजे से 8:27 बजे तक है, जिसमें भक्तजन नाग देवता की पूजा कर सकते हैं। इस पर्व पर सुबह स्नान कर भगवान शिव और उनके गले की शोभा बढ़ाने वाले नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन नागों के आठ रूपों—अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, और शंख—की विशेष पूजा का प्रावधान है।
नाग पंचमी पर नाग देवता को अक्षत, दही, दूर्वा, गंध, कुशा, और फूल अर्पित करने की परंपरा है। पूजा के बाद ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दी जाती है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने नागों से बदला लेने के लिए यज्ञ किया था, जिसे ऋषि आस्तिक मुनि ने श्रावण मास की पंचमी तिथि को रोक दिया था। तभी से नाग पंचमी का पर्व मनाया जाने लगा। इस दिन नाग देवता को दूध चढ़ाने की परंपरा के पीछे यही वजह बताई जाती है।
नाग पंचमी के अवसर पर शिव जी की पूजा के बिना नागों की पूजा नहीं की जाती है। इस दिन भूमि खोदने और साग काटने से भी परहेज किया जाता है। नाग पंचमी के दिन इन सावधानियों का पालन कर भक्तजन नाग देवता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
Also Read: