India News (इंडिया न्यूज़), Navratri 5th Day: मां स्कंदमात की पूजा की जाती है। स्कंदमाता का नाम ‘स्कंद’ या ‘कार्तिकेय’ के रूप में जाने जाने वाले हिन्दू देवता स्कंद के माता के रूप में है, जिन्होंने इस देवता को जन्म दिया था। वह चार हाथों वाली होती हैं और अपने दोनों हाथों में लकड़ी के पत्ते और दोनों आंखों में त्रिशूल दिखाती हैं।
स्कंदमाता की पूजा करने की विधि निम्नलिखित होती है:
आध्यात्मिक तैयारी: ध्यान और ध्यान के साथ अपने मन को शुद्ध करें।
पूजा स्थल की तैयारी: एक पूजा स्थल तैयार करें जिसमें पूजा आवश्यकताओं के लिए स्थान हो, और वह स्वच्छ और शुद्ध हो।
स्थापना: मां स्कंदमाता की मूर्ति या छवि को स्थापित करें।
कलश स्थापना: एक कलश में पानी भरकर उस पर नरियल, मोली, चावल, दूर्वा ग्रास, फूल, और दुर्वाक्षर अंगुलियों का फूल बंधें। फिर कलश को स्थापित करें.
पूजा सामग्री: पूजा के लिए चावल, दीपक, अगरबत्ती, अखंड दिया, सुपारी, इलायची, सुगंधित धूप, फूल, चाँदनी और कुमकुम आदि की आवश्यकता होती है.
नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा के लिए प्रात: स्नान के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करे। पूजा के लिए हाथ में लाल पुष्प लेकर देवी स्कंदमाता का आह्वान करें। देवी को अक्षत, धूप, गंध, फूल, बताशा, पान, सुपारी, लौंग चढ़ाएं। माता की आरती कर, शंख बजाएं और मंत्रों का जाप करें।
या देवी सर्वभूतेषू मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
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