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Pradosh Vrat 2023: महाकाल बनाएंगे मालामाल, ऐसे करें महादेव का प्रदोष व्रत

• LAST UPDATED : October 9, 2023

India News(इंडिया न्यूज), Pradosh Vrat 2023: इस बार प्रदोष व्रत आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 11 अक्टूबर को है। इस दिन भगवान शिव के निमित्त प्रदोष व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। साथ ही इस व्रत में दान और पुण्य का भी विशेष महत्व है। ऐसे में अगर आप इस दिन कुछ दान करते हैं तो भोलेनाथ आप पर प्रसन्न होते हैं।

प्रदोष व्रत शिव भक्ति में किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है जिसे सोमवार को किया जाता है और यह शिव जी की पूजा एवं आराधना का हिस्सा होता है। प्रदोष व्रत के दौरान कई प्रकार के दान किए जा सकते हैं जो आपकी भक्ति को महत्वपूर्ण बना सकते हैं और आपको धनवान बना सकते हैं। यहाँ कुछ चीजें हैं जो आप प्रदोष व्रत में दान के रूप में कर सकते हैं

सामग्री:

  • शिवलिंग
  • पंचामृत (दही, घी, शर्करा, दूध, गंगाजल)
  • बिल्वपत्र
  • धूप, दीप, अगरबत्ती,फल, फूल, नैवेद्य (फल, मिष्ठान्न, पान, सुपारी) रुद्राक्ष माला या कमंडलु 

पूजन विधि:

  • सबसे पहले आपको स्नान करके शुद्ध होना चाहिए। फिर, शिवलिंग को साफ और उस पर पंचामृत से स्नान कराएं। शिवलिंग को बिल्वपत्र से चढ़ाएं। फिर, धूप, दीप, अगरबत्ती जलाएं। शिवलिंग को फल, फूल, और नैवेद्य समर्पित करें। अंत में, मन्त्रों के साथ रुद्राक्ष माला या कमंडलु का जाप करें।
  • व्रत के अनुसार व्रती को उपवास करना चाहिए और रात को चाँदनी उगानी चाहिए। ध्यान दें कि प्रदोष व्रत का समय शाम के 1.5 घंटे पहले से लेकर रात्रि के पहले 1.5 घंटे तक है। इस व्रत को नियमित रूप से करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी संकट दूर होते हैं।

क्या करें दान

आहार दान: आहार जैसे कि अनाज, दाल, चावल, घी, शक्कर, आदि का दान करना।

वस्त्र दान: वस्त्र जैसे कि साड़ी, धोती, शॉर्ट्स, आदि का दान करना।

आवास दान: गरीबों या जरूरतमंदों को आवास प्रदान करना।

धन दान: धनराशि जैसे कि नकद पैसा का दान करें।

विद्या दान: गरीब बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था करना, उन्हें किताबें, पेन्सिल, नोटबुक आदि प्रदान करना।

दूध और दही का करें दान

उड़द की दाल का करें दान

अन्न दान

यह धार्मिक दान करने के साथ-साथ सामाजिक और पर्यावरणिक क्षेत्र में भी मदद कर सकते हैं, जिससे आप आत्मा की शुद्धता एवं समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। ध्यान दें कि यह दान निस्वार्थ भाव से किया जाए, भलाई के उद्देश्य से, जो आपको मानवता के मार्ग पर बनाए रखेगा।

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