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Gwalior Fort: आखिर क्योंं ग्वालियर किले को जिब्राल्टर किला कहा जाता है, जानें इसका इतिहास 

• LAST UPDATED : January 29, 2024

India News (इंडिया न्यूज़), Gwalior Fort: ग्वालियर का किला मध्य प्रदेश में स्थित है, एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और भारतीय संस्कृति और इतिहास के महत्वपूर्ण भवनों में से एक है। यह किला ग्वालियर शहर में स्थित है और उसके चरणों पर बना है।

ग्वालियर किला में कई सुंदर रचनाएँ

ग्वालियर का किला मुग़ल साम्राज्य के समय कार्यरत राजपूत राजा मानसिंह द्वारा 8वीं सदी में निर्मित किया गया था। यह किला मुग़ल साम्राज्य के शासकों और बाद में मराठों के अधिकार में था। ग्वालियर का किला कई सुंदर रचनाएँ, महल, मंदिर, और जलस्रोतों के साथ बना है, जिनमें सास बहू के मंदिर, गुज़री महल, और विक्रमादित्य के मंदिर शामिल हैं।

जिब्राल्टर किला क्यों कहा जाता है ? (Gwalior Fort)

ग्वालियर किले को भारत का जिब्राल्टर कहा जाता है, क्योंकि इस किले को कई सीधी लड़ाई में जीता नहीं जा सका। जब भी किले पर किसी आक्रमणकारी ने कब्जा किया तो उसका कारण विश्वासघात या सालों की घेराबंदी के बाद किले पर काबिज राजसत्ता का मजबूरी में किया गया समर्पण ही था।

सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा

सास बहू मंदिर: यह ग्वालियर के किले में स्थित है और इसका नाम “सास बहू” के बापूलर रूप की उच्च गुणवत्ता वाली शिल्पकला के लिए है।

गुज़री महल: गुज़री महल किले के केंद्र में स्थित है और यह राजपूत शैली की बड़ी और सुंदर इमारत है। इसकी विशेषता उसकी आकृति, आदर्श अच्छादन, और कला की सुंदरता में है।

विक्रमादित्य मंदिर: ग्वालियर का किला इस प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर के भीतर स्थित है, जो राजपूत राजा विक्रमादित्य द्वारा निर्मित किया गया था।

तानसेन मंदिर: यह भीतर किले में है और शिव का एक प्रमुख मंदिर है, जो ग्वालियर के राजा तानसेन द्वारा बनाया गया था।

मानसिंह पल: इसे राजा मानसिंह द्वारा बनाया गया था और यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो ग्वालियर के किले के केंद्र में स्थित है।

तेली का मंदिर: यह एक अद्वितीय शिव मंदिर है जो तेली गुज़र समुदाय द्वारा पूजा जाता है।

सास बहू के पैर: यह एक अद्वितीय और प्रसिद्ध प्राचीन द्वारका के प्रतीक है, जो ग्वालियर किले के पास स्थित है।

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