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MP: ट्रेन की सीट से गायब हुआ नवजात शिशु, 2 दिन बाद इस हालत में मिला

• LAST UPDATED : April 10, 2024

India News MP (इंडिया न्यूज), MP: जम्मू से उत्तर प्रदेश के झांसी जा रहा एक दंपत्ति अपने 2 महीने के बच्चे के साथ ट्रेन में आराम से सफर तय कर रहा था। मालवा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में ऊपर की बर्थ पर पति सो रहा था, जबकि बीच वाली बर्थ पर पत्नी मासूम बच्चे के साथ सो रही थी। ग्वालियर के पास डबरा के पास जब पति की नींद खुली तो उसने देखा कि उसकी पत्नी बर्थ पर सो रही है, लेकिन बच्चा गायब है। काफी तलाश के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो ग्वालियर जीआरपी में अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई गई।

इस मामले में हैरानी तब और बढ़ गई जब लापता बच्चा 2 दिन बाद उसी ट्रेन में सुरक्षित मिला। सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि बच्चा बीच वाली बर्थ पर नहीं, बल्कि ऊपर वाली बर्थ पर सोता हुआ मिला।

ये है पूूरी घटना 

ये चौंकाने वाली घटना 6 अप्रैल की रात की है, जब उमेश अहिरवार अपनी पत्नी और दो माह के बच्चे के साथ मालवा एक्सप्रेस से जम्मू से झाँसी जा रहे थे। छतरपुर निवासी उमेश अहिरवार अपनी पत्नी सुखवती और 2 महीने के बच्चे के साथ वैष्णो देवी माता के दर्शन करने गए थे। छह अप्रैल को वह मालवा एक्सप्रेस से लौट रहे थे। मालवा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में उमेश ऊपरी बर्थ पर सो रहा था, जबकि उसकी पत्नी सुखवती अपने दो महीने के बच्चे के साथ बीच वाली बर्थ पर सो रही थी।

दोनों की नींद टूटी तो बच्चा गायब 

जब ट्रेन डबरा स्टेशन पहुंची तो अचानक उमेश की नींद टूट गई। जब उमेश ने बीच वाली बर्थ पर झाँककर अपने बच्चे और पत्नी को देखा तो उसके पसीने छूट गये। पत्नी गहरी नींद में सो रही थी, लेकिन बच्चा गायब था। बच्चे को गायब देख उमेश ने तुरंत अपनी पत्नी को जगाया और बच्चे की तलाश शुरू कर दी। काफी देर तक दोनों पति-पत्नी अपने बच्चे को ट्रेन में ढूंढते रहे, लेकिन जब उनका बच्चा कहीं नहीं मिला तो उमेश ने ग्वालियर जीआरपी को सूचना दी।

2 दिन बाद मिला शिशु

7 अप्रैल को ग्वालियर जीआरपी ने बच्चे के अपहरण का मामला दर्ज किया। उमेश और उस की पत्नी हैरान थे कि उन का 2 माह का बच्चा अचानक कहां गायब हो गया। पति-पत्नी ने इस बात को स्वीकार कर लिया था कि किसी ने उनके बच्चे का अपहरण कर लिया है और अब वे अपने बच्चे को कभी वापस नहीं पा सकेंगे, लेकिन जब दो महीने बाद एक जोड़े ने इंदौर जीआरपी को फोन किया तो उमेश की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। का कोई निशान नहीं है। बच्चे को सौंपते समय उन्होंने बताया कि यह बच्चा उन्हें मालवा एक्सप्रेस में ऊपरी बर्थ पर सोता हुआ मिला था।

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