India News MP (इंडिया न्यूज़), Heart Attack: दिल का ख्याल हर उम्र में रखना महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब युवाओं में भी तेजी से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ रहा है। पहले यह माना जाता था कि हार्ट डिजीज का खतरा उम्र बढ़ने के साथ ही होता है, लेकिन हाल के वर्षों में युवाओं को आ रहे हार्ट अटैक और स्ट्रोक्स ने इस धारणा को गलत साबित कर दिया है। अब दिल की बीमारी का खतरा सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल की जांच समय रहते करानी चाहिए, ताकि भविष्य में संभावित खतरों से बचा जा सके। एक रिपोर्ट के अनुसार, हर पांच में से एक हार्ट अटैक का मरीज 40 साल से कम उम्र का होता है। इससे यह साफ है कि दिल की समस्याएं किसी भी उम्र में हो सकती हैं, न कि सिर्फ 40 के बाद।
आम धारणा यह है कि 40 साल की उम्र के बाद ही दिल की जांच करानी चाहिए, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा नहीं है। युवाओं में भी हार्ट की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, 18 से 20 साल की उम्र में पहली बार हार्ट की जांच करानी चाहिए। लिपिड प्रोफाइल जैसी जांच से आने वाले खतरों का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा, 40 साल की उम्र के बाद नियमित जांच कराते रहना चाहिए, ताकि किसी भी गंभीर समस्या को समय रहते टाला जा सके।
लाइफस्टाइल, स्वास्थ्य की स्थिति और वातावरण जैसे कारक युवाओं में दिल की समस्याओं का प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं। इसलिए यह जरूरी है कि सही समय पर हार्ट चेकअप करवा कर हम अपने दिल का ख्याल रखें और स्वस्थ जीवन जीएं।
Also Read: