India News (इंडिया न्यूज़), World Asthma Day: आज के दिन पूरे विश्व में अस्थमा दिवस मनाया जा रहा है। हर साल हम मई के पहले मंगलवार को अस्थमा दिवस के रुप में मनातें हैं। ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) की ओर इस दिवस को पूरे विश्व में आयोजित किया जाता है। इस दिन के मनाने के पिछे खास वजह लोगों को इसके प्रति जागरुक करना है।
अस्थमा सांस लेने की नली से जुड़ी बीमारी है। जिसके कारण सांस लेने की प्रक्रिया में कठिनाई होती है। कभी-कभी सांस में तकलिफ होंने की वजह से और शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से लोगों की जान तक चली जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में लगभग 20 मिलियन अस्थमा रोगी हैं।
अस्थमा 5 साल के बच्चों से लेकर 50 साल के बुजुर्ग में भी देखा जाता है। अस्थमा से चपेट में आने का मुख्य कारण वंशानुगत बताया जाता है, लेकिन कभी-कभी प्रदूषण, धूम्रपान, जमी धूल और कीसी भी तरीके की गंदगी से भी इस बिमारी के शिकार हो जाते है।
यह सारे लक्ष्ण अगर आप में या आपके परिवार में देखने को मिलता है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। देर करने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है।
इससे निजात पाने के लिए लोग व्यायाम और योग का मदद लेते हैं। वहीं डॉक्टरों द्वारा इससे राहत पानें के लिए कई तरह की दवाईयां भी दी जाती है। लेकिन कभी भी बिना डॉक्टर के सलाह के कोई भी दवा ना लें। इससे राहत मिलने के बजाय परेशानी बढ़ सकती है।
एलर्जिक अस्थमा (Allergic Asthma) वो अस्थमा होता है जो कीसी चीज से एलर्जी की वजह से होता है। जैसे की धूल, धुंआ और भी अन्य। वहीं सिजनल अस्थमा (Seasonal Asthma) कीसी खास मौसम में होता है। जैसे की कीसी को बरसात के मौसम में तो कीसी को ठंड के मौसम में भी होता है। नॉन एलर्जिक अस्थमा (Non Allergic Asthma) इस प्रकार के अस्थमा तनाव या थकान की वजह से होता है। अकुपेशनल अस्थमा (Occupational Asthma) अधिकतर कारखानों में काम करने वालों में देखा जाता है। लोगों में और भी कई तरह के अस्थमा देखा जाता है।
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