इंडिया न्यूज, दमोह (Damoh -Madhya Pradesh)
Ramsetu: रामसेतु जिसे देश में श्रीराम की विरासत के रूप में देखा जाता है। जो करोड़ों भारतीयों की आस्था का प्रतिक है। लेकिन देश में ऐसे कई लोग हैं, जो रामसेतु को प्राकृतिक मानते है। उनके हिसाब से रामसेतु कुदरत का एक करिशमा है। जिसके चलते इस पुल का निर्माण श्रीराम ने किया था या नहीं, यह मुद्दा मौजूदा समय में बहस का विषय बन चुका है। या यूं कहें कि पहले इस मुद्दे को धार्मिक रूप से देखा जाता था लेकिन अब इसे राजनीति के चश्मे से देखा जाता है।
जिसके चलते इस मुद्दे हर किसी के अपने- अपने दावे है। जिसको लेकर कोई ना कोई बयान सामने आता है। इसी कड़ी में अब हाल ही में संसद में रामसेतु को लेकर पूछे गए एक सवाल के बाद सोशल मीडिया पर एक अलग बहस छिड़ गई है। कथावाचक पंडित धीरचंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज यानी बागेश्वर धाम सरकार अपने बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। वहीं जब देश की संसद में रामसेतु को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान आया है तो श्री बागेश्वर धाम सरकार ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
दमोह के श्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान पर उठे सवाल के बाद कहा कि जो राम का नहीं, वह अपने पिता का नहीं है। उन्होंने कहा कि रामसेतु को पढ़िए उसका संधि विच्छेद है, राम से तू है। मंत्री ने पढ़ा नहीं है, वह मूर्ख है।
दरअसल, मोदी सरकार में मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि रामसेतु को लेकर हमारी कुछ सीमाएं हैं क्योंकि यह करीब 18 हजार साल पहले का इतिहास है. समुद्र में कुछ द्वीप और चूने के पत्थर जैसी चीजें देखने को मिलती हैं, अगर सीधे शब्दों में कहें तो रामसेतु का वास्तविक रूप मौजूद है, यह कहना मुश्किल है।
मंत्री के बयान के साथ रामसेतु को लेकर यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार में अफवाह फैलाने वाली बीजेपी को भी बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उसी देश के संत समाज में द्वेष दिखाई देता है।
यह भी पढ़े: MP: दिल दहला देने वाली वारदात, पुलिसकर्मी की पत्थर मार-मार की हत्या
Connect With Us : Twitter Facebook