बुंदेलखंड :निखंड भारत का एक प्राचीन भूखण्ड है “बुंदेलखंड”। बुंदेलखंड को पहले जेजाकभुक्ति के नाम से जाना जाता था। इस क्षेत्र में बुंदेली बोली जाती है। बुंदेलखंड का इतिहास काफी पुराना है। अगर बुंदेलखंड में घूमने की बात की जाए तो यहां पर बहुत सारे पर्यटक स्थल हैं। जहां पर लोग छुट्टियां मनाने आते हैं। यहां पर ऐतिहासिक जगहों के साथ-साथ सांस्कृतिक स्थलों का भी आनंद ले सकते हैं।
ये झरना पन्ना से 37 किमी की दूरी पर पहाड़ीखेरा गांव में स्थित है। कहा जाता है कि देव गुरु बृहस्पति ने यहां पर यज्ञ किया था और ये झरना का पानी औषधीय गुणों से भरा है। यहां नहाने से सारी बिमारी खत्म हो जाती है और मन भी शांत रहता है। इस झरना के कारण 800 फुट की गहरी खाई बन गई है।ऊँचाई से गिरते हुए पानी की आवाज से आपकोआनंद की अनुभूति होती है। ये जगह बुंदेलखंड के लोगों के पसंदीदा जगहो में से एक है।
सुनार नदी के तट पर स्थित सूर्य मंदिर हजार साल पहले चंदेला शासक रहीला देव वर्मन ने बनवाया था। इस मंदिर का नाम राजा रहिला देव के नाम पर रखा गया था। इस मंदिर में लोग पूजा तो करने आते है । लेकिन मंदिर के दीवारों पर बनी प्रतिमायें भी आकर्षण का केन्द्र है।
कालिंजर में स्थित ये आकर्षक और ऐतिहासिक किला है। जो चंदेल शासकों द्वारा निर्मित लोकप्रिय किलों में से एक है। इतिहास और संस्कृति से लगाव रखने वाले लोगों को ये जगह बेहद पसंद आती है। इसे किले के बारे में कहा जाता है कि कई शासकों ने इस किले पर कबजा करना चाहा था। लेकिन किसी ने कर लही पाया।
खजुराहो मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां हर साल लाखों पयर्टक घूमने आते है। ये जगह पुरानी मंदिरों के लिए जाना जाता है। खजुराहो की खूबसूरती को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। बता दें कि बुंदेलखंड का नाम बुंदेल वंश से पड़ा था। बुंदेल राजपूतों ने चंदेल वंश से इसे जीता था, जिसके बाद इस जगह को बुंदेलखंड के नाम से जाना गया।
इस जगह से लोगों की आस्था जुड़ी है। कहा जाता है कि मां सती के शरीर के 51 हिस्सा धरती पर गिरा था। इस जगह पर मां सती का हार गिरा था। ये मंदिर 51शक्तिपीठों में एक शक्तिपीठ है।