India News(इंडिया न्यूज़), CBSE Board: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड परीक्षाओं यानी 10वीं या 12वीं कक्षा में छात्रों को ओवरऑल डिविजन या डिस्टिंक्शन देने पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि अगर छात्र ने पांच से अधिक विषय लिए हैं तो यह संस्थान या नियोक्ता पर निर्भर है कि वह कौन से पांच विषयों को सर्वश्रेष्ठ मानता है। सीबीएसई ओवरऑल डिविजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट नहीं देगा। छात्र को कितने प्रतिशत अंक मिले हैं, किस विषय में उसकी डिस्टिंक्शन है और उसकी डिविजन क्या है, यह सब रिजल्ट में नहीं होगा।
आपको बता दें कि इससे पहले सीबीएसई ने भी मेरिट लिस्ट जारी करना बंद कर दिया है। अब बोर्ड ने यह नोटिस कई सवालों के जवाब में जारी किया है जिसमें लोगों ने कुल अंक और विभाजन के बारे में पूछा था। बोर्ड ने कहा है कि उनकी तरफ से न तो कुल अंक दिए जाएंगे और न ही डिविजन का जिक्र किया जाएगा। इतना ही नहीं, बोर्ड डिस्टिंक्शन के बारे में भी कोई जानकारी नहीं देगा।
ऐसे में अगर किसी संस्थान या किसी कंपनी को सीबीएसई बोर्ड के छात्रों का रिजल्ट चेक करना है तो वह पांच या उससे अधिक विषयों के हिसाब से फैसला ले सकते हैं। यदि किसी छात्र ने पांच से अधिक विषय लिए हैं तो उसकी कंपनी या संस्थान को यह तय करना चाहिए कि वह किन पांच विषयों को सर्वोत्तम विषयों में गिनना चाहता है।
इस संबंध में सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज का कहना है कि अब सीबीएसई 10वीं और 12वीं के नतीजों में ओवरऑल डिविजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट मार्क्स नहीं दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बोर्ड न तो परसेंटेज काउंट करेगा और न ही रिजल्ट में इसकी जानकारी दी जाएगी।
यदि उच्च शिक्षा या नौकरी के लिए प्रतिशत गणना की आवश्यकता है, तो संस्थान या कंपनी यह गणना स्वयं कर सकती है। इस बारे में बोर्ड कोई जानकारी नहीं देगा। बोर्ड ने पहले ही मेरिट लिस्ट जारी करना बंद कर दिया है।
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