India News(इंडिया न्यूज़), Heart attack: आख़िर कार्डियक अरेस्ट क्या है और यह हार्ट अटैक से कैसे अलग है? आमतौर पर लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं। आइए जानते हैं दोनों में क्या अंतर है। यह बिना किसी लक्षण के आता है। दोनों में बहुत अंतर है। आइए जानते हैं दोनों में कौन है ज्यादा खतरनाक।
कार्डियक अरेस्ट में हृदय के भीतर विभिन्न हिस्सों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान बाधित हो जाता है, जिससे दिल की धड़कन पर प्रभाव पड़ता है। हृदय गति को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। जिन लोगों को पहले दिल का दौरा पड़ चुका है, उनमें कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना अधिक होती है।
थकान
दिल में दर्द महसूस होना
चक्कर आना
सांस लेने में कठिनाई
कार्डियक अरेस्ट में बिल्कुल भी कोई लक्षण नहीं होते, यह हमेशा अचानक आता है।
जब भी कोई मरीज गिरता है तो वह कार्डियक अरेस्ट के कारण होता है, इसकी पहचान करने के कई तरीके हैं।
ब्लड प्रेशर बंद हो जाता है।
दिल के दौरे के दौरान हृदय के कुछ हिस्सों में रक्त का प्रवाह जम जाता है जिसके कारण दिल का दौरा पड़ता है। वहीं, कार्डियक अटैक में हृदय कुछ कारणों से ठीक से काम करना बंद कर देता है और अचानक बंद हो जाता है। जिस व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है, उसमें कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है।
दिल का दौरा पड़ने के बाद मरीज इलाज के लिए जितना लंबा इंतजार करेगा, दिल और शरीर को उतना ही अधिक नुकसान होगा। इसमें लक्षण तुरंत या कुछ समय बाद भी दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा हार्ट अटैक के कुछ घंटों या कुछ दिनों बाद भी इसका असर दिख सकता है।
अपने भोजन में सलाद को अवश्य शामिल करें। इसके अलावा उच्च फाइबर वाली सब्जियां, प्रोटीन और दालें भी शामिल करें।
भरपेट खाना खाने से बचें और लंबे समय तक भूखे न रहें।
रात को जल्दी सोयें और सुबह जल्दी उठें।
जितना हो सके मोबाइल और टीवी से बचें।
तनाव और अकेलेपन से बचने की कोशिश करें।
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