इंडिया न्यूज़, भोपाल:
Interim Stay on Order of MP High Court मध्य प्रदेश वासियों के (Relief news has come from the Supreme Court for the people of Madhya Pradesh)लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत भरी खबर आई है। शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है। जिसमें कहा गया था कि अधिनियम 1954 की धारा पांच से आठ तक प्रावधान लागू करने की बात कही( implement the provisions from section five to eight of the 1954 Act.) गई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वह आदेश भी अमान्य हो गया है जिसमें कहा गया था कि शादी से पहले नोटिस देकर आपत्ति दर्ज की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अब राज्य में आर्य समाज रीति रिवाज से शादी संभव हो सकेगी। वहीं शादी का पंजीकरण भी आर्य समाज मंदिर की ओर से ही जारी किया जा सकेगा।
यहां आपको बता दें कि मप्र हाईकोर्ट ने 09 दिसंबर 2020 को एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि शादी का सर्टिफिकेट सिर्फ प्रशासन की अधिकृत अथारिटी ही जारी कर सकती है। इस फैसले के खिलाफ ग्वालियर हाईकोर्ट की बेंच की समक्ष अपील की गई थी। इस बार फैसला दिसंबर 2021 में पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया। इसके बाद आर्य समाज संस्था सेक्रेटरी मध्य (Madhya Bharat Arya Samaj Sanstha )भारत आर्य ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे डाली। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस ऋषिकेश राय और केएम जोसेफ की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए नोटिस भी जारी किया है।
आर्य समाज मंदिरों में गूंजेगी शहनाई
दरअसल हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि स्पेशल मैरिज एक्ट में हिंदू मैरिज एक्ट के प्रावधानों को भी सम्मिलित किया जाए। जब तक ऐसा नहीं होता तब तक आर्य समाज मंदिरों में शादियां नहीं हो सकेंगी। न ही सर्टिफिकेट जारी किए जा सकेंगे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से मध्य प्रदेश के आर्य समाज मंदिरों में शादी समारोह भी होंगे और प्रमाणपत्र जारी करने की शक्तियां भी होंगी।
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