India News (इंडिया न्यूज़), MP Election 2023: मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होने वाले है। ऐसे में चुनाव आयोग इस बार चुनाव की पारदर्शिता एवं पवित्रता को लेकर काफी गंभीर है। इसी का परिणाम है कि पहली बार चुनाव में लगे अधिकारी और कर्मचारियों को बताना होगा कि उनका कोई रिश्तेदार चुनाव तो नहीं लड़ रहा। बता दें कि इसके अलावा उन्हें आपराधिक प्रकरणों की भी जानकारी देनी होगी।
बता दें कि चुनाव आयोग ने आदेश जारी किया है। नए निर्देशों के अनुसार चुनाव ड्यूटी में लगाए गए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को एक निर्धारित प्रपत्र के जरिए घोषणा पत्र देना पड़ेगा, जिसमें कर्मचारी का नाम, पदस्थापना, पदस्थापना की दिनांक तथा इस आशय का प्रमाण-पत्र कि मैं वर्तमान चुनाव में किसी प्रत्याशी, राज्य अथवा जिला स्तर के किसी भी उम्मीदवार का नजदीकी रिश्तेदार नहीं हूं।
साथ ही इसी प्रपत्र में यह भी बताना होगा कि उनके विरुद्ध कोई भी आपराधिक प्रकरण किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। यदि किसी के खिलाफ प्रकरण है तो उसे प्रकरण की जानकारी देना होगा।
साथ ही बता दें कि जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा कि चुनाव में लगे अमले से 2 दिन के अंदर यह प्रपत्र जमा कराने को कहा गया है। सभी अधिकारी और कर्मचारियों के प्रपत्र एकत्रित कर चुनाव आयोग को भेजे जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यदि कोई कर्मचारी किसी प्रमुख दल के प्रत्याशी का रिश्तेदार पाया जाता है तो उसे चुनाव आयोग मतदान प्रक्रिया से अलग कर सकता है।
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