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MP Election 2023: MP में कांग्रेस-सपा की नहीं बनी बात!, इन सीटों पर हैं आमने-सामने

• LAST UPDATED : October 16, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में सभी दल अपनी सूची जारी कर रहे है। बीते रविवार को कांग्रेस ने अपने 144 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद देखकर लग रहा है कि सपा ओर कांग्रेस में गठबंधन की संभावना खत्म हो गई है। गठबंधन में शामिल होने के बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि वह सीट बांटने वाले होंगे। इसी रणनीति के तहत उन्होंने एमपी में उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी।

बता दें कि इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस भले ही एक दूसरे के साथ नजर आ रहे हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनो दल आमने-सामने हैं। एमपी में अब तक जारी उम्मीदवारों की सूची में 5 सीटों पर दोनों पाार्टियां में कांटे की टक्कर होगी। ये सभी सीटें दलित, अल्पसंख्यक और यादव बहुल मानी जाती हैं।

कांग्रेस और सपा में कांटे की टक्कर

कांग्रेस और सपा के बीच जिन 4 सीटों को लेकर बात बिगड़ी है वो चितरंगी, मेहगांव, भांडेर और राजनगर सीट हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मेहगांव, भांडेर और राजनगर सीट जीती थी। हालांकि सपा आलाकमान इन सीटों से ज्यादा कांग्रेस द्वारा छतरपुर जिले के बिजावर से उम्मीदवार उतारने से सबसे ज्यादा नाखुश है। दरअसल 2018 में सपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी और ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस इस सीट से किसी को नहीं उतारेगी लेकिन पहली ही लिस्ट में कांग्रेस ने बिजावर से चरण सिंह यादव को मैदान में टिकट देकर अटकलों को दूर कर दिया।

बिजावर सीट गठबंधन की फांस

कांग्रेस की पहली लिस्ट के रिएक्शन के तौर पर सपा ने लिस्ट में बिजावर से डॉ मनोज यादव को टिकट दे दिया।

मध्य प्रदेश के सपा प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “कांग्रेस के साथ गठबंधन की सभी संभावनाएं खत्म हो गई हैं। कांग्रेस नेतृत्व के साथ हमारी कुछ बातचीत हुई थी लेकिन रविवार को सब कुछ विफल हो गया। हम अपने दम पर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और अगले साल चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।”

ऐसे में कैसे चलेगा गठबंधन

अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले एक सीनियर नेता ने आरोप लगाया, ”कांग्रेस को भाजपा को हराना चाहती ही नहीं है।” पार्टी पदाधिकारी ने कहा, “हमने कांग्रेस नेतृत्व के साथ बातचीत की लेकिन वे भाजपा को हराने के लिए गठबंधन करने में दिलचस्पी नहीं रखते थे। ऐसा लगता है कि उनका प्राथमिक उद्देश्य भाजपा को नहीं बल्कि सपा को हराना है। कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए होगा लेकिन मध्य प्रदेश में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस नेतृत्व से बातचीत हुई थी और हम 10 सीटें चाहते थे। वे कम सीटों की पेशकश कर रहे थे और अचानक उन्होंने हमें बताए बिना इतने सारे उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। गठबंधन इस तरह काम नहीं करता।”

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