इंडिया न्यूज, ब्यूरो (Madhya Pradesh)
Narmada Parikrama: हमारा देश एक ऐसा देश है। जहां नदियों, पेड़-पौधों, पहाड़ों और पत्थरों की भी पूजा की जाती है। अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो इन सभी को प्रकृति का रूप माना जाता है, और प्रकृति हमारे देश में पूजनीय है। हमारे देश में तो पेड़-पौधों में भी भगवान का वास है।
हमारी नदियां देवी का रूप हैं। जिसके कारण हमारे देश में नदियों को माता का दर्जा दिया जाता है। इसी कड़ी में देश के लोग हमारी गंगा, नर्मदा और यमुना की पूजा करते हैं, पवित्र मानते है। जिसके चलते हमारे देशवासी अपने भगवान के दर्शन के लिए, माता के दर्शने के लिए तिर्थ यात्राओं पर जाते है। अपने भगवान के लिए उपवास रखते है, पैदल यात्रा करते है, कई तरीके के त्याग करते है। आज हम आपको ऐसे ही एक छोटी सी भक्त के बारे में बताने जा रहे है। जो नर्मदा नदी की पैदल परिक्रमा पर है, और इस वक्त वो भक्त सिर्फ चार साल की है।
महाराष्ट्र के शनि सिंगणापुर के निकट ग्राम चेड़गांव में रहने वासे एक परिवार के साथ 4 साल की मासूम बालिका इन दिनों नर्मदा नदी की पैदल परिक्रमा पर है। जिसके चलते चार साल की यह बालिका राशेश्वरी जाधव परिवार के साथ 12 अक्टूबर से माँ नर्मदा की पैदल परिक्रमा कर रही है।
परिवार ने बताया कि यह यात्रा उन्होंने ओंकारेश्वर से शुरू की थी। जिसे दो महीने से ज्यादा का समय बीत गया है। यह परिक्रमा अब देवास जिले के अंतिम छोर पर बसे नेमावर पहुँच चुकी है। जहां पर माँ नर्मदा के भक्तों ने बालिका राशेश्वरी जाधव और उसके परिवार का जोरदार स्वागत किया।
यह भी पढ़े: Waah Bhai Waah: रीवा के कवियों ने नेशनल टीवी पर जीता सबका दिल, लूट ली शैलेश लोढ़ा की महफिल
मासूम बालिका राशेश्वरी के परिजनों ने जानकारी देते हुए कहाकि माँ नर्मदा की पैदल परिक्रमा पर हमारे साथ चार वर्ष की बेटी सबसे आगे-आगे पैदल चल रही है, लेकिन उसके चेहरे पर शिकन भी महसूस नहीं होती है। परिजनों ने यह भी बताया कि रात में आराम के दौरान भी वह सबके बाद में सोती है और सुबह सबसे पहले उठकर स्नान कर परिक्रमा के लिए चलने के लिए उत्साहित रहती है। चार साल की मासूम और उसका परिवार नेमावर में नर्मदा भक्तों के साथ परिक्रमा कर रहा है। जिसके चलते परिवार का जगह-जगह जोरदार स्वागत किया जा रहा है।
गौरतलब है कि इस वक्त मध्यप्रदेश में कड़ाक की ठंड पड़ी हुई है। लेकन यह बालिका अटूट आस्था के साथ आगे बढ़ती जा रही है। नर्मदा नदी के प्रति बच्ची की यह आस्था वास्तविकता में अद्भुत है, सराहनीय है।