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50% कमीशन पत्र पर घमासन! BJP का डैमेज कंट्रोल का ‘प्रयास’, क्या कांग्रेस दिला पाएगी जनता को विशवास?

• LAST UPDATED : August 16, 2023

India News (इंडिया न्यूज), 50% commission letter, भोपाल:एमपी में 50% कमीशन वायरल पत्र को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। प्रदेश की पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। जिसके चलते कर्नाटक में सरकारी काम और ठेकों मों 40 प्रतिशत तक भ्रष्टाचार के जुमले ने ज़ोर पकड़ा और कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाकर सत्ताधारी सरकार को घेरने का काम शुरू कर दिया। जिसमें कांग्रेस सफल भी रही। अब ऐसा ही कुछ वो मध्य प्रदेश में करना चाहती हैं।

लेकिन यहाँ की कहानी थोड़ी सी अलग है। दरअसल हाल ही में एक पत्र वायरल हुआ। पत्र मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखा गया था

क्या लिखा था पत्र में?

जानकारी मिली थी की पत्र में लघु उद्योग संघ के ठेकेदारों ने लिखा कि हमने मध्य प्रदेश 30, हज़ार किलोमीटर की सड़कों का निर्माण किया। इसके अलावा हम और भी कई कार्य कर रहे हैं। लेकिन हमें हमारा भुगतान नहीं किया जा रहा। बल्कि हमारे भुगतान के एवज़ में 50 प्रतिशत कमीशन लिया जा रहा है। हमने मुख्यमंत्री से भी मुलाक़ात की मुख्यमंत्री ने अपने OSD को हमारी समस्या के निदान के लिए कहा।

जिसके बाद हमने OSD  से संपर्क किया। तो उन्होंने कहा कि हम क्या करें? चुनावी साल है इसलिए सब चलता है। पत्र में आगे लिखा जाता है कि हम दुखी है, परेशान हैं इसलिये मुख्य न्यायाधीश से गुहार करते हैं कि किसी हाई कोर्ट के जज से इसकी जाँच की जाए और हमें हमारा भुगतान दिलवाया जाए।

भोपाल एसे पत्रों के वायरल होने का गढ़

बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि चुनावी साल में इस तरह के पत्र वायरल हुए है। भोपाल इस तरह के पत्रों के वायरल होने का गढ़ रहा है। लेकिन इस पत्र को BJP के ही नेताओं ने कुछ ज़्यादा गंभीरता से लिया है और पुलिस में जाकर शिकायत कराई शिकायत इसलिए की गई, क्योंकि इस पत्र के माध्यम से मध्य प्रदेश की सरकार पर 50 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाया था।

पत्र फर्जी या असली?

कांग्रेस के भोपाल से लेकर दिल्ली तक बड़े नेताओं ने इस पत्र को अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर प्राथमिकता से स्थान दिया फिर क्या था BJP को ग़ुस्सा आया और BJP वे इस बात की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने अपनी जाँच में पाया कि इस तरह का पत्र मध्य प्रदेश में लघु संघ के द्वारा नहीं लिखा गया और जिस व्यक्ति का नाम पत्र में दिया गया था। ऐसा कोई व्यक्ति था ही नही मतलब कि पत्र फ़र्ज़ी था।

50 से ज़्यादा FIR दर्ज

पुलिस की जाँच के आधार पर इस पूरे मामले में प्रियंका गांधी, कमलनाथ, जयराम रमेश, वेणुगोपाल जैसे नेताओं के खिलाफ 420 सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। देखते ही देखते ये मुद्दा भोपाल से निकलकर पूरे देश में फैल गया। प्रदेश में 50 से ज़्यादा FIR कांग्रेस के नेताओं के ख़िलाफ़ कर दी गई है।

BJP के रणनीतिकारों को लगा कि गलती हो गई एक फ़र्ज़ी पत्र के आधार पर अगर इस मामले को हवा मिल रही है। तो उसके पीछे ज़िम्मेदार कोई और नहीं बल्कि BJP के ही नेता है। जिन्हें कांग्रेस के बड़े नेताओं के ख़िलाफ़ एफ़आइआर कराने में जल्दबाज़ी की लिहाज़ा अब BJP डैमेज कंट्रोल में लग गई है।

जनता को विश्वास दिला पाएगी कांग्रेस?

पर कांग्रेस भ्रष्टाचार के तमाम मुद्दों को उठाकर ये बताने की की कोशिश कर रही है कि 50% भ्रष्टाचार की की बात है वो सही है। अब इन तमाम बातों के साथ कांग्रेस मध्य प्रदेश में भी कर्णाटक की रणनीति के तहत जनता को विश्वास दिलाने में क़ामयाब होती है इसके लिए तो इस साल के दिसम्बर का इंतज़ार करना पड़ेगा तब जब चुनाव परिणाम सामने आएँगे।

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