India News (इंडिया न्यूज़),Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम वाले बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हैहय समाज के लोगों के लिए गुरु माने जानें वाले भगवान सहस्त्रबाहु पर टिप्पणी देकर विवादों में घिर गए थें। उनके इस बयान के बाद इस समाज के लोगों ने अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। जिसके बाद बाबा ने अपने द्वारा दी गयी टिप्पणी पर खेद जताया है।
इस बयान पर बढ़ते बवाल को देख कर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है। एक चर्चा के मध्य में मैंने भगवान परशुराम जी एवं महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुन जी के युद्ध के विषय में जो कुछ भी कहा है, वह हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित है। हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नहीं था, ना ही कभी होगा। हम हमेशा सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं। फिर भी यदि मेरा कोई शब्द,किसी के भी भावना को ठेस पहुंची हो तो इसका हमें खेद है। हम सब हिन्दू एक हैं। एक रहेंगे। हमारी एकता ही हमारी शक्ति है।
बाबा ने एक सभा में कहा था कि यहां के लोग ब्राह्मण और क्षत्रियों को लड़वाने में लगे रहतें हैं। वो कहतें हैं कि 21 बार क्षत्रियों को भूमि विहिन कर दी गई थी। लेकिन बात यह है कि अगर एक बार क्षत्रियों को मार दिया गया तो 20 बार क्षत्रिय कहां से आए? 21वीं बार की जरूरत क्यों पड़ी? ये क्षत्रिय वापस कहां से आ जाते थे? सहस्रबाहु जिस वंश से था, उस वंश का नाम था हैहयवंश। हैहयवंश के विनाश के लिए भगवान परशुराम ने फरसा अपने हाथ में उठाया था। हैहयवंश का राजा सहस्रबाहु हमेशा साधुओं पर अत्याचार करता था। स्त्रियों का अपमान करता था।