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Balaghat Murder: बालाघाट के व्यापारी हत्याकांड में खुलासा, दोनों आरोपियों को मिली 10 साल की सजा

• LAST UPDATED : August 29, 2023

India News (इंडिया न्यूज) Balaghat Murder: मध्य प्रदेश के जिला बालाघाट से व्यापारी हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। बालाघाट नगर के बहुचर्चित रिहायसी क्षेत्र में रहने वाले सर्राफा व्यापारी सुनील कांकरिया हत्याकांड में शामिल आरोपियों को पकड़ लिया है। दोनों ही आरोपियों को बालाघाट के अदालत में 10-10 साल की कारावास और 8-8 हजार रूपये के अर्थदंड दिया गया हैं।

  • अदालत में 10-10 साल की कारावास
  • 8-8 हजार रूपये के अर्थदंड

सर पर गोली मारकर हत्या

बता दें, कि यह पूरा मामला 5 से 6 वर्ष पहले का है। 20 नवम्बर 2017 को इस वारदात को अंजाम दिया गया था। इस वारदात को रात के 10 : 30 बजे अंजाम दिया गया था। उसी समय चोरी करने के इरादे से कुछ डकैतों ने धरम ज्वेलर्स के मालिक सुनील कांकरिया के घर में दस्तक दिया। उस समय सुनील कांकरिया का परिवार चैन का नींद ले रहा था। लेकिन सुनील कांकरिया का नींद अचानक खुल जाती है। तभी घर में मौजूद सभी डकैतों में से एक की नज़र सुनील कांकरिया पर पड़ती है। नज़र पड़ते ही डकैत ने सुनील के सिर पर पिस्टल तान देता है और हातापाई होने के बाद डकैत सुनील पर गोली चला देता है।

पांच साल तक आरोपी आजाद

जिसके कारण सर्राफा व्यापारी सुनील कांकरिया की मौके पर ही मौत हो जाती है। डकैत चोरी करने के बाद घर से फरार हो जाते है, लेकिन यह घटना वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो जाता है। सबूत होने के बावजूद इनमें से कोई भी आरोपी गिरफ्तार नहीं होता है। जिससे सुनील कांकरिया के परिवार में दुख का माहौल पसर जाता है, क्योकि सुनील कांकरिया के कातिल खुलेआम घूम रहे होते है।

आरोपियों पर ईनाम घोषित

इस मामले में बालाघाट जिलें में खूब प्रदर्शन किया जाता रहा। फिर भी किसी आरोपी पर किसी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं किया जाता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिकायत किया गया कि, आरोपियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही किया जाए। इसी मामले में आगे आरोपियों के लिए ईनाम भी घोषित किया गया। फिर भी कुछ नहीं हुआ, आखिर में सुनील कांकरिया के परिवार वालों ने आत्मदाह करने की बात कही।

लंबे इंतजार के बाद झारखंड के पुलिस ने सभी छह आरोपियों को अपनी गिरफ्तार कर लिया। अदालत में सुनवाई के बाद न्यायधीश ने छह आरोपियों में से दो आरोपी निर्मल सेराफिर और अमर मेहतो को दोषी पाया। इन दो दोषी को 10-10 वर्ष की कारावास और 8-8 हजार रूपये दंड लगाया गया। अन्य चार आरोपी के दोष न सिद्ध होने के कारण आदालत ने बरी कर दिया।

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