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Bhojshala Controversy: हिन्दू-मुस्लिम पक्ष के बाद अब जैन समाज ने किया दावा, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

• LAST UPDATED : July 25, 2024

India News MP (इंडिया न्यूज), Bhojshala Controversy: मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बाद अब जैन समाज ने भी इस पर अपना दावा पेश किया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किए गए सर्वे में विभिन्न धर्मों से संबंधित अवशेषों की प्राप्ति ने इस विवाद को और जटिल बना दिया है।

जैन समाज तीसरी पार्टी

22 जुलाई को जैन समाज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और खुद को इस मामले में तीसरी पार्टी के रूप में शामिल करने की मांग की गई है। जैन समाज दावा करता है कि भोजशाला मूल रूप से एक जैन गुरुकुल था। जैन समाज के प्रतिनिधि सलेकचंद्र जैन ने राजा भोज और जैन कवि धनंजय के संबंधों का हवाला देते हुए अपने दावे को मजबूत किया है।

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खुदाई में विभिन्न धर्मों से संबंधित अवशेष मिले

ASI के सर्वे में 27 फीट की गहराई तक खुदाई की गई, जिसमें विभिन्न धर्मों से संबंधित 79 अवशेष प्राप्त हुए। इनमें वाग्देवी, सरस्वती, हनुमान, गणेश, कृष्ण और शिव की मूर्तियां शामिल हैं। जैन समाज का दावा है कि 1875 में मिली वाग्देवी की मूर्ति वास्तव में जैन देवी अंबिका की है।

भोजशाला हिंदू पक्ष को सौंपने की मांग

हिंदू पक्ष ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें ASI की रिपोर्ट के आधार पर भोजशाला को हिंदू पक्ष को सौंपने की मांग की गई है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक सभी पक्षों को इंतजार करना होगा।

अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट के हाथों में है, जो इस ऐतिहासिक स्थल के भविष्य का निर्धारण करेगा।

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