पिता भगवानसिंह के साथ गांव के लोगों ने भी बच्चों की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान शाम करीब पांच बजे गांव में बने तालाब के किनारे बच्चों के कपड़े रखे दिखे। जिसको लेकर थोड़ा संदेह हुआ और इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक गांव के लोगों ने बच्चों के शव तालाब से बाहर निकाल लिए। तालाब के चारों तरफ फेंसिंग नहीं है। ग्रामीण तालाब के पानी का निस्तार के लिए उपयोग करते हैं। यह तालाब सरकारी योजना के तहत बनाया गया है। बता दें कि कुछ दिनों पहले बैरसिया में भी शासकीय तालाब में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
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