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Bhopal Gas kand: कैसे गुमनामी की मौत मरा वारेन एंडरसन, एक फोन कॉल पर उसे मिली थी रिहाई

• LAST UPDATED : December 2, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Bhopal Gas kand: मानवता के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक भोपाल गैस कांड को कई दशकों का समय बीत गया है। 2-3 दिसंबर 1984 की वो भयानक रात में इस हादसे में आधिकारिक तौर पर तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी। ये दावा किया जाता है कि इस हादसे में 25 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी। साथ ही हजारों लोग इस त्रासदी से होने वाली गंभीर बीमारियों से मारे गए थे।

बता दें कि भोपाल की यूनियन कार्बाइड कंपनी से घातक गैस का रिसाव हुआ और जिसने थोड़ी देर में पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया था। इस हादसे के समय यूनियन कार्बाइड कंपनी का CEO अमेरिकी कारोबारी वारेन एंडरसन था। भोपाल गैस त्रासदी के बाद पूरे देश में वारेन एंडरसन को दोषी मानते हुए सजा देने की मांग की गई थी। वारेन इतने बड़े हादसे के बाद भी कुछ ही घंटों में देश से निकलने में सफल रहा था और उसे कोई सजा नहीं मिली।

वारेन एंडरसन को गिरफ्तार करने का फैसला किया

भोपाल गैस त्रासदी के बाद 6 दिसंबर 1984 में वारेन एंडरसन भारत आया था। दिल्ली से वह भोपाल पहुंचा, जहां उसे गिरफ्तार किया गया था। बाद में फिर वह बच निकलने में कामयाब हो गया था। उस समय एमपी के सीएम अर्जुन सिंह थे। BBC की रिपोर्ट के अनुसार, अर्जुन सिंह ने अपनी आत्मकथा “दे ग्रेन ऑफ सैंड इन द हावरग्लास ऑफ टाइम” में लिखा था कि उन्होंने वारेन एंडरसन के भोपाल पहुंचने पर उसे गिरफ्तार करने का फैसला किया गया था।

एक फोन कॅाल की मदद से भागा

साथ ही अर्जुन सिंह ने लिखा कि “मेरे पास ब्रह्म स्वरूप का वायरलेस आया था कि गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ उच्चाधिकारी ने फोन किया है कि वारेन एंडरसन को छोड़ दिया जाए। इसके साथ ही गृह मंत्रालय से आदेश आया था कि वारेन एंडरसन को सरकारी विमान से दिल्ली भेजा जाए”। जहां से एंडरसन ने आराम से अमेरिका के लिए उड़ान भरी थी।

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