India News (इंडिया न्यूज़), Bhopal: यह घटना तब सामने आई जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने भोपाल के बाहरी इलाके परवलिया इलाके में आंचल गर्ल्स हॉस्टल का अचानक दौरा किया। कानूनगो ने शेल्टर होम के रजिस्टर की जांच की तो पता चला कि इसमें 68 लड़कियों की एंट्री थी, लेकिन उनमें से 26 गायब थीं।
जब आश्रय गृह के निदेशक अनिल मैथ्यू से लापता लड़कियों के बारे में पूछताछ की गई, तो उन्होंने “संतोषजनक जवाब” नहीं दिया। मामले में पुलिस की ओर से FIR दर्ज की गई है।
लड़कियाँ गुजरात, झारखंड और राजस्थान की थीं, जबकि उनमें से कुछ मध्य प्रदेश के सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा और बालाघाट की थीं।
कल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के तारासेवनिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बाल गृह का निरीक्षण किया।
यहाँ की संचालक NGO हाल तक सरकारी एजेन्सी की तरह चाइल्ड लाइन पार्ट्नर के रूप में कार्यरत रही है,एवं इसने सरकारी… pic.twitter.com/yVlWt04c90— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) January 5, 2024
कानूनगो ने एक ट्वीट में कहा कि एक मिशनरी, जो बाल गृह का प्रबंधन कर रही थी, ने कुछ बच्चों को सड़कों से बचाया था और वह बिना किसी लाइसेंस के आश्रय गृह चला रही थी। NCPCR अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि बचाए गए लोगों को गुप्त रूप से बाल गृह में रखा गया था और उन्हें ईसाई धर्म का अभ्यास कराया गया था।
कानूनगो ने कहा, “6 से 18 साल की उम्र की ज्यादातर लड़कियां हिंदू हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की है।”
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ऐसे NGO से अनुबंध पर चाइल्ड हेल्पलाइन चलाना चाहते हैं।”
गायब हुई सभी बच्चियां बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना रह रही थीं, हालाँकि, बाल गृह के अधिकारियों ने दावा किया कि बच्चों को बचा लिया गया और बाद में बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया।
घटना पर ध्यान देते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने सरकार से मामले को देखने और तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
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