छतरपुर: कड़ाके की ठंड से हर कोई परेशान है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी गरीबों और किसानों को हो रही है। जहां गरीब लोगों को इस ठंड में एक वक्त की रोटी जुटाने के लिए काफी मस्तक करना पड़ रहा है। वहीं किसान ठंड के कारण बरबाद हो रही फसलों से परेशान हैं। छतरपुर के किसान भी इसी परेशानी का सामना कर रहे हैं।
छतरपुर जिले के बकस्वाहा क्षेत्र में पिछले दिनों हुई कड़ाके की सर्दी के चलते पाला पड़ने से फसलें बर्बाद हो गई हैं। पाले का बुरा असर खेतों में खड़ी चना, अरहर, मसूर, सहित सब्जियों की फसलों पर सबसे ज्यादा पड़ा है। तापमान गिरने से चना, मसूर, बटरा, आलू, टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च की फसलें पाला की चपेट में आ गईं।
किसानों ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं के चलते पिछले लंबे समय से फसलें बर्बाद हो रही हैं। पिछली फसल के दौरान अधिक वर्षा ने फसलों को बर्बाद कर दिया था, इस बार भी मुश्किल से खाद बीज जुटाकर समय पर फसलों की बुआई की थी। इस समय चना और अरहर की फसल काफी अच्छी थी, मगर उसे पाले ने बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। सब्जी उत्पादक किसानों का कहना है कि सब्जी की पैदावार में अधिक लागत आ रही है।
वहीं, तापमान में आई गिरावट के चलते फसलों को पाले से काफी नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में तामपान में और गिरावट आने की आशंका से किसान अपनी फसलों को लेकर काफी चिंतित हैं। किसान बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग कर रहा है, जिससे वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।