India News (इंडिया न्यूज़), MP Assembly Election 2023, भोपाल: मध्यप्रदेश में इस साल 6 महिने बाद चुनाव होने वाले है। जिसके चलते चुनावी शतरंज पर कांग्रेस लगातार सीटों को जितेने के लिए अपनी चाल चल रही है। दरअसल राज्य विधानसभा की 230 सीटों में से 66 ऐसी हैं। जो कांग्रेस के लिए मुसीबत बनी हुई है। क्योंकि यहां से पिछले 5 चुनाव से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते कांग्रेस इन सीटों को जीतने के लिए ‘प्लान-66’ पर काम कर रही है। इसी कड़ी में आलाकमान ने इन सीटों को पांच सेक्टर में बांट कर सेंट्रल ऑब्ज़र्वर भी नियुक्त कर दिए हैं।
इसी कड़ी में कांग्रेस के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने इन सीटों को जीतने के लिए फाइव पॉइंट प्रोग्राम तैयार किया हैं।
बता दें कि कांग्रेस का फोकस उन 66 सीटों पर है। जहां पिछले पांच चुनाव में उसे लगातार हार का मुहं देखना पड़ रहा है। यह है वह 66 सीटें।
इनमें रहली, दतिया, बालाघाट, रीवा, सीधी, नरयावली, भोजपुर, सागर, हरसूद, सोहागपुर, धार, इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच,मंदसौर, महू, गुना, शिवपुरी, देवसर, धौहनी, जयसिंहनगर, जैतपुर, बांधवगढ़, मानपुर, मुड़वारा, जबलपुर कैंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, भोजपुर, कुरवाई, शमशाबाद, बैरसिया, गोविंदपुरा, बुधनी, आष्टा, सीहोर, सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर, देवास, खातेगांव, बागली, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, धार, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी, मल्हारगढ़, नीमच और जावद सीट प्रमुख हैं।
इसी के चलते कांग्रेस आलाकमान ने इन 66 सीटों के लिए अन्य राज्यों के नेताओं को सेंट्रल ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। उन पर इन सीटों को जिताने की जिम्मेदारी दी गई है।
जानाकारी मिली है कि इन 66 में से 40 से अधिक सीटों पर पिछले तीन महीनों में पिसीसी चिफ कमलनाथ दौरा कर चुके हैं। उन्होंने जिला पदाधिकारियों, मंडलम और सेक्टर प्रभारियों की बैठके ली है । साथ ही उनका फीडबैक भी लिया हैं।
1. स्थानीय मुद्दे- पार्टी स्थानीय मुद्दों की पहचान करेगी और उसके हिसाब से अपना घोषणा पत्र तैयार करेगी।
2. वर्तमान विधायक के खिलाफ नाराजगी- पार्टी स्थानीय स्तर पर भाजपा विधायक के खिलाफ नाराजगी का मूल्यांकन कर जनता में माहौल बनाना।
3. जातीय समीकरण- पार्टी ये भी देख रही है कि हारी हुई सीटों पर जातीय समीकरण क्या है? इसके हिसाब से उम्मीदवार चयन में प्राथमिकता दी जाएगी।
4. लोक लुभावन वादों का प्रचार- कांग्रेस का अपना सवा साल के कार्यकाल की योजनाओं के प्रचार पर फोकस है। साथ ही कमलनाथ की घोषित नई योजनाओं जैसे 15 सौ रुपए वाली नारी सम्मान योजना, 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने वाली योजना और 100 यूनिट तक बिजली के बिल माफ करने वाली योजना को भी जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
5. जन आंदोलन- पार्टी ने तय किया है कि भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी सहित तमाम मुद्दों पर लगातार जन आंदोलन खड़ा करना है।
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