इंदौर: (Deadly attack on female principal) पुलिस आम नागरिक की सुरक्षा के लिए कितनी सतर्क है ये बात हम इस घटना से समझ सकते हैं। इंदौर के सिमरोल स्थित बीए फॉर्मेसी कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा ने पुलिस को तीन बार आगाह किया था कि उनकी जान खतरे में है लेकिन पुलिस विभाग ने उनकी बातों को सुनना जरुरी नहीं समझा और यह घटना घट गयी। दरअसल उनके ही कॉलेज का एक सनकी स्टूडेंट आशुतोष श्रीवास्तव अपनी मार्कशीट ना मिलने से नाराज था और उन्हें कई दिनों से धमकी दे रहा था। आखिर में मार्कशीट न मिलने पर आशुतोष ने अपनी प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। आज विमुक्ता शर्मा अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। अभी डॉक्टर ने उनकी हालत बेहद नाजुक है।
प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा को इस बात का अंदाजा पहले से ही था कि उनके साथ में गलत हो सकता है जिसके कारण उन्होने पुलिस को तीन आवेदन देकर उनसे सुरक्षा की मांग की थी लेकिन पुलिस ने उनकी किसी भी आवेदन पर कोई भी सुनवाई नहीं की। दो आवेदन फरवरी साल 2022 में दिए गए और इसके बाद एक आवेदन सितंबर साल 2022 में दिया गया था। प्रिंसिपल के परिजन ने बताया कि अब अफसर कह रहे हैं कि तब मैं नहीं था। किसी अफसर ने कहा कि हर रोज़ ढेरों आवेदन आते रहते हैं और तो और एक ने यह भी कह डाला की कानून पर भरोसा करने की सजा हम भुगत रही हैं।
जिसपर महापौर ने परिजन को दोषियों पर कार्रवाई किया जाने का आश्वासन दिया है। परिजन ने इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मुलाकात की है और कहा कि उनके पास पुलिस के खिलाफ तथ्य है। उनके द्वारा दिए गए आवेदनों पर कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों पर तुरंत एक्शन लिया जाना चाहिए।
इस घटना के सामने आने के बाद आवेदन की जांच में कोताही बरतने वाले सिमरोल थाने में पदस्थ एएसआई संजीव तिवारी को सस्पेंड किया गया।
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