लोक निर्माण विभाग में अटैच वाहन में डीजल डलवाने के नाम पर लाखों रुपए का फर्जी तरीके से भुगतान करने का मामला सामने आया है। आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सावंत ने इस बात का खुलासा किया है।
आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में बताया गया कि जिन तारीखों में डीजल बिलों का भुगतान किया है,। उन तारीखों में डीजल के लाखों रुपए के बिलों का भुगतान किया गया है। जबकि लॉग बुक में गाड़ी के आवागमन की कोई जानकारी नहीं दी गयी है। जिन तारीखों में डीजल बिल का भुगतान हुआ है, उन तारीखों में लॉग बुक के पेज भी खाली छूटे हैं।
सावंत ने बताया वर्ष 2020 से 2022 के डीजल बिलों की भुगतान की जानकारी मांगी गई थी। लेकिन विभाग ने पहले जानकारी देने से मना कर दिया। फिर जब जानकारी दी गई तो वह भी आधी अधूरी जानकारी दी गई । इस आधी अधूरी जानकारी में डीजल घोटाले का खुलासा हुआ है। इस मामले में विभाग की तरफ से पक्ष रखते हुए लोक निर्माण विभाग के एसडीओ भास्कर मालवीय ने बताया जितना वाहन चला है, उनकी एंट्री लॉग बुक में हुई है।