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Digvijay Singh: EVM को लेकर दिग्विजय सिंह ने किया बड़ा खुलासा, बताया कैसे होती है वोटिंग मशीन हैक

• LAST UPDATED : January 24, 2024

India News (इंडिया न्यूज), Digvijay Singh: मध्यप्रदेश के पूर्व CM और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से EVM पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, पूर्व CM दिग्विजय सिंह का कहना है कि EVM हैक होती है लेकिन परेशानी ये है कि कोई मेरी बात पर भरोसा नहीं करना चाहता है, दिग्विजय सिंह यहां तक कहते हैं कि कई बार इस मुद्दे पर उनको अपनी पार्टी के लोगों को भी समझाने की काफी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन इस बार पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने एक EVM में पत्रकारों के जरिए डमी वोट डलवाकर दिखाने की कोशिश की है कि EVM से मतदान की प्रक्रिया में गड़बड़ी की पूरी संभावना बनी रहती है।

आस्ट्रेलिया की तरह होने चाहिए चुनाव

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने यह भी आरोप लगाए कि ये सवाल उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग से पूछे हैं लेकिन वे लोग सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं, चुनाव आयोग के केंद्र सरकार के दबाव में काम करने का आरोप भी दिग्विजय सिंह ने लगाया, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि आस्ट्रेलिया की तर्ज पर वीवीपैट पब्लिक डोमेन में डालना चाहिए, जिन देशों में EVM से वोट डाले जाते हैं, वहां पर इसका सॉफ्टवेयर पब्लिक डोमेन में होता है, लेकिन भारत में यह व्यवस्था 2003 से ही नहीं है।

कमलनाथ ने भी खड़े किए सवाल

कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर अपने अकांउट एक्स पर पोस्ट करके चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए, कमलनाथ ने अपनी पोस्ट में लिखा कि “भारतीय चुनाव प्रक्रिया में ईवीएम मशीन की विश्वसनीयता को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने तकनीकी विशेषज्ञों के साथ आज भोपाल में डमी ईवीएम मशीन में छेड़छाड़ का प्रदर्शन एक पत्रकार वार्ता के जरिए प्रस्तुत किया।”

“वहां मौजूद पत्रकारों ने स्वयं डमी ईवीएम का बटन दबाया और यह पाया कि न सिर्फ वोट संख्या में बल्कि वीवीपेट से प्राप्त होने वाली पर्ची में भी बदलाव किया जा सकता है. इसका सीधा अर्थ है कि जो वोट भारत का नागरिक डाल रहा है उसमें छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए और भारत के नागरिकों का मतदान 100% सुरक्षित करने के लिए वोटिंग की प्रणाली में बदलाव किया जाए. ईवीएम हटाकर मत पत्र से चुनाव कराए जाएं और अगर ईवीएम से ही चुनाव कराने हैं तो वोट की पर्ची मतदाता को हाथ में मिलनी चाहिए, जिसे वह मत पेटी में डालें और इसी पर्ची को गिना जाए।”

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