खंडवा: मध्यप्रदेश के खंडवा-खरगोन सीमा से लगे झिरन्या के पास गवला गांव से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि बाघ के हमले की वजह से एक किसान की मौत हो गई है। पंजा लगने की वजह से युवक के पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया था। जिसके वजह से डॉक्टर ने उसे इंदौर रेफर किया था। लेकिन रास्ते में ले जाने के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया।
टाइगर के हमले के शिकार हुए संतोष की मौत के बाद खंडवा अस्पताल के मर्चुरी में उसका पोस्टमार्टम किया गया। यहां पहुंचे पंधाना के विधायक राम दांगोरे ने परिजन को सांत्वना दी और सरकार से आर्थिक मदद दिलाने की बात कही। इसके बाद उन्होंने एक पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा। इस पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय से जानकारी दी गई है कि मृतक संतोष के परिजन को ₹8 लाख की सहायता सरकार की ओर से दी जाएगी। विधायक राम दांगोरे का कहना है कि इलाज में लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराएंगे।
ये घटना बुधवार की है। उस वक्त संतोष बात कर पा रहें थे। घटना के बाद संतोष ने अधिकारियों को बताया था कि दिन में जब मै खेत में था तब मुझे बाघ दिखा था। लेकिन मैने इस बात को अनदेखा कर दिया था। लेकिन शाम में एक बार फिर बाघ मुझे दिखा और इस बार वो बिलकुल मेरे बगल में था। जबतक मै कुछ समझ पाता तबतक उसने मझे झपट लिया। लेकिन मैने भी पूरी ताकत लगाकर उसे झपट दिया। जिसके बाद वो वहां से निकल गया।
इस पूरे घटनाक्रम में खंडवा जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन पर आरोप लगया गया हैं। कहा जा रहा है कि संतोष के उपचार में लापरवाही बरती गई है। उसे सही समय पर सही उपचार नहीं दिया गया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। क्युकिं संतोष बाघ के झरप के बाद भी बातचीत कर पा रहा था। ऐसे में ये सवाल उठता है कि इसका जिम्मेदार कौन है।
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