इंडिया न्यूज़, Indore News: इंदौर का एक फायर ब्रिगेड कांस्टेबल पुलिस और सेना भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को मुफ्त शारीरिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। फायर ब्रिगेड में फायरमैन के रूप में सेवारत ओम प्रकाश जायसवाल ने पिछले 10 वर्षों में हजारों छात्रों को प्रशिक्षित किया है जो अब पुलिस और भारतीय सेना में सेवारत हैं।
जायसवाल राष्ट्रीय स्तर के मैराथन धावक भी रह चुके हैं और उन्होंने 42 किलोमीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है। उनका निवास पदक और ट्राफियों से भरा हुआ है। उन्हें राज्य सशस्त्र बलों (SAF) से एक कांस्टेबल के रूप में फायर ब्रिगेड में स्थानांतरित कर दिया गया था।
जानकारी मुताबिक, जायसवाल ने कहा “कई ऐसे गरीब बच्चे हैं जो पुलिस या सेना प्रशिक्षण अकादमी की फीस नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए मैंने ऐसे छात्रों को मुफ्त प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया। इन बच्चों में सेवा करने का बड़ा जुनून है। देश के लिए लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे प्रशिक्षण नहीं ले सके। उन्हें सिर्फ सही मार्गदर्शन की जरूरत है।
वे अवसाद के कारण गलत रास्ता अपना सकते हैं।” मैंने तय किया कि इन बच्चों को मुफ्त प्रशिक्षण देकर मैं एक उत्कृष्ट राष्ट्र के निर्माण में उनकी मदद करूंगा। मैंने 2012 में प्रशिक्षण देना शुरू किया और अब तक 8,000 से अधिक छात्र सेना और पुलिस में देश की सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने अब उन्हें इन बच्चों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा “अभी मेरे पास शारीरिक फिटनेस प्रशिक्षण लेने वाले 600 छात्र हैं। जिनमें से 300 लड़कियां हैं और 300 लड़के हैं। उन्हें लंबी कूद, शॉट थ्रो, दौड़ना, खींचना आदि सिखाया जा रहा है।
ओम प्रकाश जायसवाल से प्रशिक्षण ले रही निशा चौहान ने कहा कि उनके परिवार में दो ने जायसवाल से प्रशिक्षण लिया था और पुलिस में शामिल हुए थे। सब इंस्पेक्टर की तैयारी कर रही एक अन्य अभ्यर्थी शालिनी यादव ने कहा कि उसका भाई पुलिस में कार्यरत है और उसने जायसवाल से प्रशिक्षण लिया है। शालिनी ने बताया “मैं भी अपने भाई की तरह यहां ट्रेनिंग के लिए आई हूं। यहां दौड़ने, शॉट थ्रो और लंबी कूद की ट्रेनिंग दी जाती है।
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