India News ( इंडिया न्यूज ), Flood In Indian City: चेन्नई में आई बाढ़ ने दोबारा से जलवायु परिवर्तन के होने वाले मुश्किलों के प्रति भारत के कई शहरों पर खतरे को उजागर कर दिया है। बता दें कि 4 दिसंबर को चेन्नई में बाढ़ आई थी। जिसमें लगभग दो दिनों से भी ज्यादा वहां के शहर घुटनों भर पानी में डूबे हुए थे। ये कहीं न कहीं भारत के सामने आने वाले जलवायु संकट का संकेत दे रही है।
एक रिसर्च में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि भारत के भूमध्य रेखा के करीब होने की वजह से , उच्च स्थानों की तुलना में समुंद्र के स्तर में अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना है। भारत के तटीय शहर में पानी घुस जाने के कारण बहुत ही बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। इस वजह से बहुत सी चीजे भी प्रभावित हो सकती हैं। भूजल की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की जा सकती है और साथ ही जलजनित बीमारियों में वृद्धि भी हो सकती है।
2021 में आई एक रिपोर्ट ने भारत को एक गंभीर चेतावनी दी है। जिसमें कहा गया है कि भारत के अंदर बढ़ते समुंद्र स्तर के कारण इस सदी के अंत तक 12 तटीय शहरों के जलमग्न होने की संभावना है। जिसमें मुंबई, चेन्नई, कोच्चि और विशाखापत्तनम सहित एक दर्जन भारतीय शहर आने वाले वक्त में तीन फीट पानी में डूब सकते हैं।
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