Liquor Restrictions: नीति शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने कल कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति की घोषणा की थी। जिसमें सरकार ने शराब को लेकर कई बड़े फैसले लिए हैं। जिससे प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने नई आबकारी नीति की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि इस शराब नीति ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से अपार संतुष्टि और गौरव प्रदान किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि शिवराज सरकार की नई शराब नीति अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल नीति बनेगी।
उमा भारती ने शराब नीति घोषित किए जाने के बाद ट्विटर पर लिखा, ”मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद की कल शाम हुई बैठक में हमारी सरकार के द्वारा घोषित की गई शराब नीति एक ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी निर्णय है, इसके लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मध्य प्रदेश के सभी नागरिकों खासकर के महिलाओं की तरफ से अभिनंदन। इस शराब नीति से मेरे बड़े भाई ने व्यक्तिगत तौर पर मुझे परम संतोष एवं गौरव प्रदान किया है। मुझे विश्वास है कि शिवराज जी द्वारा घोषित की गई नई शराब नीति अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल नीति बन जाएगी।मध्यप्रदेश पहले से ही गौ वंश पर आधारित ऑर्गेनिक खेती में बहुत आगे बढ़ चुका है “”शराब छोड़ो दूध पियो”” अभियान को हम और सशक्त करके सरकार का सहयोग करेंगे।
1. इस वर्ष की आबकारी नीति का उद्देश्य शराब के सेवन को हतोत्साहित करना और शराब से परहेज को बढ़ावा देना है।
2. अब राज्य में शराब की दुकानों से सिर्फ शराब की बिक्री होगी. शराब की दुकानों पर बैठकर शराब पीने की सुविधा बंद रहेगी।
3. राज्य की कुल 3605 शराब दुकानों में से 2580 शराब की दुकानों को स्थायी रूप से स्वीकृत किया गया। इसके अलावा अन्य दुकानें लाइसेंस शुल्क देकर दुकान बार खोल सकती हैं। इस साल ऐसे 31 शॉपबार लाइसेंस स्वीकृत किए गए। इस प्रकार इन 2611 शराब दुकानों में बैठकर शराब पीने की अनुमति दी गई। ये सभी आंगन और दुकान बार बंद रहेंगे।
4. अब तक धार्मिक संस्थान, कन्या विद्यालय, कन्या महाविद्यालय एवं कन्या छात्रावास से 50 मीटर की दूरी तक शराब की दुकान स्थापित करने की अनुमति नहीं थी। अब यह दूरी बढ़ाकर 100 मीटर की जाएगी।
5. प्रदेश में विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर मदिरा दुकानों का विभिन्न कारणों से विरोध होता रहा है। जनभावनाओं को देखते हुए प्रदेश की ऐसी मदिरा दुकानें बंद की जाएंगी.
6. शराब के नशे में वाहन चलाने पर प्रथम बार में 6 माह दूसरी बार में 2 वर्ष तथा तीसरी बार में 5 वर्ष के लिए ड्रायविंग लायसेंस निलंबित किये जाने के प्रावधान किये जाएँगे।
7. शराब के नशे में खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर सजा को बढाया जाएगा।
8. नशामुक्ति अभियान तथा जनजागृति गतिविधियों के लिए संबंधित विभागों के लिए पर्याप्त बजट रखा जाएगा।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब नीति को लेकर लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ हमलावर नजर आ रही थीं। इसके चलते उन्होंने अपना पूरा जीवन शराब के मुद्दे पर कुर्बान कर दिया, कई आंदोलन किए, ताले लगवाए और शराबबंदी को लेकर कई बार मुख्यमंत्री से गुहार लगाई. जिसके चलते सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले शराब नीति में बड़े बदलाव किए हैं।
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