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Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary: प्रोजेक्ट चीता पर लगा ग्रहण..जानें क्या है वजह

• LAST UPDATED : June 20, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक बार फिर से चीता को भारत में बसाने की कोशिश में लगें हैं। इसके लिए प्रोजेक्ट चीता के माध्यम से चीता को भारत लाया जा रहा है। अब तक चीतों का कुल तीन खेप भारत आ चुका है। लाए गए चीतों को अबतक कूनो नेशनल पार्क में रखा गया है। बीतें दिनों 3 चीते की मृत्यु हो चुकी है।

जिसके बाद यह बात सामने आया था कि कूनो नेशनल पार्क में चीतों की रखने की जगह कम पड़ रही है। जिसके कारण अब जो भारत में चीतें लाए जाएंगे साथ ही साथ कूनो नेशनल पार्क के कुछ चीतों को मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में रखा जाएगा। जिसके लिए तैयारी शुरु हो चुकी है।

  • अब तक तीन चीतों की गई जान
  • बड़े आंदोलन की धमकी

काम पर लगा रोक

बता दें कि अब इस प्रोजेक्ट पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। दरअसल, गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में चीतों को रखने के लिए बाड़ा लगाया जाना है। ताकी की चीते खुलकर रह सकें, लेकिन अब मंदसौर जिले के ग्रामीण बाड़ा बनाने का विरोध कर रहें हैं। ग्रामीणों ने स्थानीय राजनीतिक नेताओं की मदद से बाड़ लगाने के काम को रोक दिया है। जिससे की इस प्रोजेक्ट पर फिलहाल ग्रहण लग चुका है। कहा जा रहा है कि बाड़ बनाने पर ग्रामीणों द्वारा बड़े आंदोलन की धमकी भी दी गई है।

पांच पड़ोसी गांव का मामला

पूरा मामला मुख्य रुप से पांच पड़ोसी गांव बस्सी, बूज, रावली, कुडी और जनपानी के मवेशियों के इर्द-गिर्द घूमता है। ग्रामीणों का कहना है कि इन वर्षों में ग्रामीणों के पशु संरक्षित क्षेत्र के अंदर चरने जातें थें। जो उनकी पारंपरिक चराई प्रथाओं का एक अभिन्न अंग है। ग्रामीणों का मानना है कि बाड़ बनेने से उनकी सदियों पुरानी प्रथा बाधित होगी और उनकी आजीविका पर भी प्रभाव पड़ेगा।

NTCA ने दी थी मंजूरी

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य को चीतों के लिए उपयुक्त आवास के रूप में चुना गया था। यह अनुमान लगाया जा रहा था कि 6 महीने के अंदर बाड़ बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन अब इसपर अंकुश लगता नजर आ रहा है। इस पूरे स्थिति से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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