Guna: बेटी के साथ दुषर्कम करने वाले वहशी पिता को आजीवन कारावास की सजा , दो साल किया था नाबालिग से रेप

मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक कुकर्मी पिता को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसने अपनी सौतेली बेटी के साथ दो साल तक लगातार रेप किया और विरोध करने पर मारपीट की। चौंकाने वाली बात ये है कि पीड़ित बेटी कोर्ट में बयान से मुकर गई थी, और डीएनए रिपोर्ट भी मैच नहीं हुई थी। बावजूद कोर्ट ने सख्ती बरती। साथ ही कहा कि मात्र निगेटिव डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषमुक्त नहीं किया जा सकता।

नाबालिग ने 2021 में अपने सौतेले पिता के खिलाफ लिखाई थी रिपोर्ट

जानकारी के अनुसार मामला गुना जिले के सिरसी इलाके का है। मामला बीते साल का है। सिरसी इलाके में रहने वाली नाबालिग ने 2021 में अपने सौतेले पिता के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। उसने पुलिस को बताया था कि 2009 में उसके पिता की मौत हो गई थी। कुछ समय बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली। वह और उसके भाई-बहन सौतेले पिता के साथ ही रहने लगे।

नाबालिग के साथ कई बार मारपीट भी की

नाबालिग ने पुलिस को बताया था कि उसका सौतेला पिता उसके साथ गलत काम करता है। ये सिलसिला 2019 में शुरू हुआ था। जहां उसे मौका मिलता, वह नाबालिग से रेप करता। नाबालिग ने कई बार विरोध भी किया पर आरोपी ने उसके साथ कई बार मारपीट भी की। आखिरकार एक दिन उसने यह बात अपनी मां को बता दी। उसने सौतेला पिता के सामने विरोध जताया तो आरोपी ने मां को भी पीटा। आरोपी का कहना था कि वह उसकी सौतेली बेटी है। वह उसके साथ कुछ भी कर सकता है।

सौतेले पिता से बचाने के लिए नाबालिग की मां उसे कुंभराज इलाके में रहने वाले अपने रिश्तेदार के यहां छोड़ आयी। आरोपी को इसकी खबर लग गयी। वह नाबालिग को लेने कुंभराज भी पहुंच गया। वहां नाबालिग ने पुलिस को बुला लिया। बच्ची की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने अपनी जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसका मेडिकल भी कराया गया।

मात्र नेगेटिव डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को नहीं किया जा सकता दोषमुक्त

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता बेटी अपने बयानों से मुकर गई। कोर्ट ने डीएनए टेस्ट भी कराया पर वो भी निगेटिव रहा। पॉक्सो मामलों की विशेष न्यायाधीश वर्षा शर्मा ने आरोपी को दोषी करार दिया और कहा कि मात्र नेगेटिव डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषमुक्त नहीं किया जा सकता। इस प्रक्रम पर यह उल्लेख करना आवश्यक है कि डीएनए टेस्ट स्वयं में निश्चियात्मक साक्ष्य नहीं है और उक्त डीएनए टेस्ट मात्र संपोषक साक्ष्य है। पीड़िता के साथ आरोपी ने दुष्कर्म की घटना कारित की, इसकी पुष्टि पीड़िता की माता, भाई और बहन करते है, परन्तु जैसा कि पीड़िता के कथनों से प्रकट हुआ है कि आरोपी के परिवार में न होने के कारण, परिवार का पालन पोषण सही से नहीं हो पा रहा। अतः ऐसा प्रकट होता है कि पारिवारिक विडम्बना के कारण पीड़िता ने अस्वेच्छयापूर्वक आरोपी के विरूद्ध न्यायालय के समक्ष मौखिक साक्ष्य नहीं की है। अतः मात्र निगेटिव डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषमुक्त नहीं किया जा सकता है। यदि परिस्थितिजन्य साक्ष्य पुख्ता है, तो वे आरोपित को दंडित करने के लिए काफी है। कोर्ट ने सौतेले पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Divyanshi Singh

Recent Posts

hgjkhjllhjlhjl

asdfsafafafafafaf

8 hours ago

rggsgsgs

sgsgsgsdgsdgsdg

8 hours ago

MP Doctors’s Strike: भोपाल में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन, अस्पताल के बाहर लगाई OPD

India News MP  (इंडिया न्यूज़), MP Doctors’ strike: कोलकाता में 8 अगस्त को एक ट्रेनी…

3 months ago

MP Weather Update: मध्य प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय, कई जिलों में तेज बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति

India News MP  (इंडिया न्यूज़), MP Weather Update: मध्य प्रदेश में एक हफ्ते के ब्रेक…

3 months ago

Tribal youth Assaulted: सड़क पर युवक ने की आदिवासी व्यक्ति की पिटाई, जूते के फीते बांधने पर किया मजबूर

India News MP  (इंडिया न्यूज़), Tribal youth Assaulted: इंदौर में एक शर्मनाक घटना सामने आई…

3 months ago

MP NCL scandal: NCL में भ्रष्टाचार का बड़ा घोटाला, CBI के पुलिस उपाधीक्षक सहित 5 लोग गिरफ्तार

India News MP (इंडिया न्यूज़), MP NCL scandal: मध्य प्रदेश के सिंगरौली में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स…

3 months ago