India News(इंडिया न्यूज़), Gwalior Crime: ग्वालियर शहर में रहने वाले इंस्पेक्टर ने ठगों को पकड़ने के लिए जिंदगी लगा दी। लेकिन रिटायर्ड होने के बाद आज वो खुद ठगी का शिकार हो गए। एमपी के ग्वालियर शहर में जमीन के नाम पर हुई इस ठगी के मामले में रिटायर्ड इंस्पेक्टर के परिजन को जान का खतरा भी सता रहा है इसलिए उन्होंने थाटीपुर थाने पहुंचकर ठगी करने और धमकी देने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
यह बात 2022 की है। जब आसाराम गौतम के मकान में रामसेवक नाम का किराएदार रहने आया थाा। रामसेवक ने आसाराम को बताया कि उसका एक दोस्त ताराचंद है जिसकी गांव में 6 बीघा जमीन है और वह अपनी जमीन को गिरवी रखकर पैसे उधार मांग रहा है, अगर वह समय पर जमीन वापस नहीं ले सका तो फिर वो जमीन आपकी हो जाएगी, इसके लिए एग्रीमेंट भी कर सकते हैं।
आसाराम ने जमीन का एग्रीमेंट करके 7 लाख 82 हजार रुपए ताराचंद को दे दिए। एग्रीमेंट की जब समय सीमा पूरा हो गई तब आसाराम ने एक बार फिर से रामसेवक को एग्रीमेंट की बात याद दिलाई। जिसके बाद रामसेवक ने कहा कि एग्रीमेंट की समय सीमा बढ़वा लेते हैं। तो आसाराम उसके लिए भी तैयार हो गए। जब एंग्रीमेंट के लिए न्यायालय परिसर पहुंच गए लेकिन वह बिना एग्रीमेंट किए वापस लौट आए।
आसाराम को फिर समझ आ गया कि यह रामसेवक कि नीयत ठीक नहीं है, लेकिन फिर भी वे रामसेवक और ताराचंद के संपर्क में रहे। इस दौरान रामसेवक और उसकी पत्नी मीना ने आसाराम को बताया कि जमीन की रजिस्ट्री उनके नाम करवा देते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें 3.80 लाख रुपए देने होंगे। आसाराम तैयार हो गए इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री आसाराम के नाम नहीं हुई।
आसाराम ने अपनी रकम वापस मांगी तो जान से मारने की धमकी मिलने लगी। आसाराम ने थाने जाकर ताराचंद, रामसेवक और रामसेवक की पत्नी मीना के खिलाफ धारा FIR दर्ज कराई।
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