India News(इंडिया न्यूज़), Gwalior News: ग्वालियर से अजीबोगरीब मामला सामने आया है। 1 मार्कशीट पर 2 भाई सरकारी नौकरी कर रहे थे। जिसका 43 साल बाद खुलासा हुआ है। 43 साल से नगर निगम में सहायक वर्ग 3 की नौकरी करते रहे। सोचा था कि रिटायरमेंट के बाद आराम से जिंदगी गुजरेगी, लेकिन एक शिकायत ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। इस शिकायत में खुलासा हुआ कि 43 साल पहले जो नंबर लिस्ट लगाकर सहायक वर्ग तीन की नौकरी हासिल की गई थी, वह लिस्ट फर्जी है।
बता दें कि मुरैना के रहने वाले कैलाश कुशवाह ने अपने भाई रणेंद्र कुशवाह की लिस्ट का इस्तेमाल करते हुए ग्वालियर नगर निगम में 1981 को नौकरी हासिल कर ली थी। जिसके बाद कैलाश आराम से नौकरी करता रहा। उसे अंदाजा भी न था। कि नौकरी हासिल करने के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा कर दिया है। कैलाश की पोल-पट्टी की हकीकत उस वक्त सामने आई, जब मुरैना के अशोक कुशवाह ने कैलाश कुशवाह द्वारा किए गए इस फर्जीबाड़े की शिकायत नगर निगम में की थी।
इसकी शिकायत मिलने पर नगर निगम ने जांच शुरू कर दी। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल में कैलाश कुशवाह द्वारा नौकरी पाने के लिए लगाई गई नंबर लिस्ट का रिकॉर्ड भी खंगाला गया, तब पता चला कि नंबर लिस्ट तो रणेंद्र सिंह कुशवाह के नाम पर है।
इस बात का खुलासा होने पर कैलाश कुशवाह को अगस्त 2023 में नौकरी से निकाल दिया गया। जिसके बाद नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर अनिल दुबे ने यूनिवर्सिटी थाने में कैलाश कुशवाह के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। कैलाश पर पुलिस ने धारा 420 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज कर लिया है। कैलाश कुशवाह का भाई रणेंद्र सिंह कुशवाह भी सरकारी नौकरी में है। दोनों भाई एक ही नंबर लिस्ट पर सरकारी नौकरी कर रही थे।